‘छवि बनाने के अलावा जिंदगी में और भी बहुत कुछ है जरूरी…’ : अनुपम खेर

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और भाजपा सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर फिल्मों के अलावा मोदी सरकार की तारीफ करने के लिए भी जाने जाते हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों की तारीफ करते रहते हैं, लेकिन इस बार अनुपम खेर ने सरकार की जमकर आलोचना की है।
पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस खतरनाक वायरस की चपेट में हर रोज लाखों लोग आते जा रहे हैं, वहीं हजारों अपनी जान गवां चुके हैं। ऐसे में अनुपम खेर ने देश में खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना की है। दिग्गज अभिनेता ने हाल ही में अंग्रेजी न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत की। इस दौरान अनुपम खेर ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है।
उनका मानना है कि सरकार को यह बात समझने की जरूरत है कि छवि बनाने से ज्यादा जिंदगियां महत्वपूर्ण हैं। अनुपम खेर ने कहा, ‘कहीं न कहीं वह लड़खड़ा गए..यह समय उनके लिए इस बात को समझने का है कि छवि बनाने के अलावा भी जिंदगी में और भी बहुत कुछ है।’ अनुपम खेर से पूछा गया कि कोरोना से प्रभावित लोगों को बेड के लिए गिड़गिड़ाते, शवों को नदी में बहते और मरीजों को संघर्ष करते हुए देख वह कैसा महसूस करते हैं?
इस सवाल के जवाब में अनुपम खेर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ज्‍यादातर मामलों में आलोचना जायज थी और सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह ऐसा काम करे जिसके लिए लोगों ने उसे चुना है। मुझे लगता है कि केवल संवेदनहीन व्‍यक्ति ही ऐसे हालातों से अप्रभावित होगा.. बहते हुए शव, लेकिन दूसरी राजनीतिक पार्टी को भी इसे फायदे के लिए इस्‍तेमाल करना भी ठीक नहीं है। नागरिक के तौर पर हमें नाराज होना चाहिए..यह जरूरी है कि जो कुछ हुआ, उसके लिए सरकार को जवाबदेह ठहराया जाए।’ अनुपम खेर के इस बयान की काफी चर्चा हो रही है
आपको बता दें कि बीते दिनों अनुपम खेर ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ‘आदरणीय शेखर गु्प्ता जी!! यह कुछ ज्यादा ही हो गया। आपके स्टैंडर्ड से भी। करोना एक विपदा है। पूरी दुनिया के लिए। हमने इस महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया। सरकार की आलोचना जरूरी है। उन पर तोहमत लगाइए। पर इससे जूझना हम सबकी भी जिम्मेदारी है।