भारत का भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर कैरेबियाई सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले में आज फिर से सुनवाई होगी। कोर्ट ने 28 मई को सुनवाई के लिए कहा है। डोमिनिका में चोकसी के वकील वेन मार्श ने कहा है, ”वह (मेहुल चोकसी) एक एंटीगुआ नागरिक है, भारतीय नहीं। हमने सुना है कि एंटीगुआ पीएम का कहना है कि उन्होंने डोमिनिकन पीएम को मिस्टर चोकसी को भारत भेजने का निर्देश दिया क्योंकि अगर उन्हें एंटीगुआ लौटा दिया जाता है, तो उन्हें संवैधानिक सुरक्षा का अधिकार होगा।” एंटीगुआ और बारबुडा ने अपने पड़ोसी देश डोमिनिका को मेहुल चोकसी को सीधे भारत भेजने को कहा है। वहीं डोमिनिका उसे एंटीगुआ भेजने पर विचार कर है। इधर भारत सरकार मेहुल चोकसी को वापस लाने की कोशिश में लगी है।
पंजाब नैशनल बैंक घोटाले में 13 हजार 500 करोड़ रुपये की कर्ज धोखाधड़ी मामले में मेहुल चोकसी आरोपी है। मेहुल चोकसी रविवार (23 मई) को एंटीगुआ और बारबुडा से लापता हो गया था।
डोमिनिका में मेहुल चोकसी के वकील वेन मार्श ने पहले कहा था कि उन्हें उनके मुवक्किल तक पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। और 27 मई को ही उन्हें चोकसी से बात करने की अनुमति दी गई थी। वेन मार्श ने एएनआई को बताया, “मैंने देखा कि उसे (मेहुल चोकसी) बुरी तरह पीटा गया था, उसकी आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर कई जले हुए निशान थे। उसने मुझे बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उसका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा डोमिनिका लाया गया था जिन्हें वह भारतीय और एंटीगुआन पुलिस मानता था। उसे किडनैप कर एक जहाज पर ले जाया गया था, जो लगभग 60-70 फीट लंबा था।”
मेहुल चोकसी को अवैध तौर पर प्रवेश करने के बाद डोमिनिका में उसे हिरासत में ले लिया गया है। डोमिनिका पुलिस ने पुष्टि की है कि मेहुल चोकसी अभी भी हिरासत में है और जांच की जा रही है। मेहुल चौकली के वकील विजय अग्रवाल ने कहा था कि हमारी कानूनी टीम ने डोमिनिका में हीबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की है। ताकि चोकसी को कानूनी मदद दी जा सके।
मेहुल चोकसी के वकीलों ने दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, पुलिस पर लगाया मारपीट का आऱोप
एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने डोमिनिका से मेहुल चोकसी को सीधे भारत भेजने की बात कही है। प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने कहा है कि हमने डोमिनिका से कहा है कि उसे (मेहुल चोकसी) एंटीगुआ प्रत्यर्पित न करें। उसे भारत लौटने की जरूरत है। जहां उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।
हालांकि एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउने ने यह भी कहा कि आखिर में यह डोमिनिका की सरकार का संप्रभु निर्णय है कि वे मेहुल चोकसी को किस देश में प्रत्यावर्तित करते हैं, जब तक कि अदालत इस मामले में कोई निर्देश ना दे।