ब्रिटिश सरकार के पूर्व चीफ साइंटिफिक एडवाइजर पैट्रिक वालेंस ने एक और महामारी की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कुछ ही समय के बाद एक और महामारी का आना तय है। पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार ने आने वाली सरकार को इस पर ध्यान देने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी स्थिति से निपटने के लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि अभी तक हम महामारी का सामना करने के लिए तैयार नहीं हुए हैं। ब्रिटिश वेबसाइट द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वालेंस ने कहा कि हमें शुरुआत में ही खतरों का पता लगा लेने के लिए बेहतर निगरानी तंत्र स्थापित करने की जरूरत है।
वालेंस ने कहा कि ये सही समय है जब देश में चुनाव चल रहे हैं। चुनाव में महामारी के खतरे को मुद्दा बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने चुनाव के बाद आने वाली सरकार को महामारी की स्थिति में तेज डायग्नोस्टिक टेस्ट, जल्दी वैक्सीन उपलब्ध कराने जैसी चीजों पर काम करने की सलाह दी है।
वालेंस ने 2021 में G7 देशों के नेताओं की बैठक में कहा था कि महामारी के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। इसके लिए हमें रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट, रैपिड वैक्सीन और रैपिड ट्रीटमेंट करने होंगे ताकि खतरे को कम किया जा सके।
वालेंस ने अफसोस जताते हुए कहा कि 2023 तक G7 ने उनकी सलाह को भुला दिया। उन्होंने कहा कि यदि G7 या फिर G20 देशों के एजेंडे से महामारी का मुद्दा हटा दिया जाता है तो फिर स्थिति पहले जैसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि महामारी से युद्ध की तरह ही निपटा जाना चाहिए।
हमारे पास एक सेना है। ये इसलिए नहीं है कि इस साल युद्ध होने वाला है। बल्कि हम जानते हैं कि एक राष्ट्र के होने के लिए ये एक जरूरी चीज है। ठीक इसी तरह से हमें महामारी को भी देखना चाहिए। हमें भी इससे निपटने के लिए हमेशा तैयारी रखनी चाहिए।
गौरतलब है कि वालेंस ने कोरोना महामारी के दौरान ऋषि सुनक की आलोचना की थी। उस वक्त सुनक चांसलर के पद पर थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि कोरोना के दूसरे चरण के दौरान सुनक ने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया।
हालांकि वालेंस ने सुनक सरकार के धूम्रपान विरोधी विधेयक की प्रशंसा की है। इस बिल के पास होने के बाद ब्रिटेन में कम उम्र के युवा तंबाकू से जुड़े उत्पाद नहीं खरीद पाएंगे। ब्रिटेन में अभी सिगरेट खरीदने की न्यूनतम उम्र 18 साल है। सुनक सरकार इसे हर साल बढ़ाना चाहती है। हालांकि वालेंस ने कहा कि उन्हें निराशा है कि चुनाव से पहले ये विधेयक पास नहीं हो पाएगा।
पैट्रिक वालेंस अप्रैल 2018 से 2023 तक ब्रिटेन के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर रह चुके हैं। इनके कार्यकाल में ही ब्रिटेन सहित पूरी दुनिया को कोरोना प्रकोप से जूझना पड़ा था। इस दौरान वालेंस ने कोरोना के खिलाफ नीतियां बनाने में ब्रिटिश सरकार मदद की। उनकी उपलब्धियों के लिए साल 2022 में उन्हें ‘सर’ की उपाधि दी गई। ये ब्रिटिश राजा या रानी द्वारा किसी व्यक्ति की उपलब्धियों या देश की सेवा के लिए दी जाने वाली एक प्रतिष्ठित उपाधि है।