अंजलि आनंद बोलीं ‘मेरा डायलॉग सुन रोने लगी थीं जया बच्चन

फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में रणवीर सिंह की बहन गायत्री रंधावा का रोल प्ले करने वाली अंजलि आनंद ने फिल्म में अपने किरदार के बारे में बात की। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अंजलि ने फिल्म में अपने कैरेक्टर के बारे में कहा है कि उन्हें स्क्रिप्ट पढ़कर बहुत खुशी हुई।

अंजलि ने कहा कि उन्हें ये देखकर अच्छा लगा कि आखिरकार उन्हें कोई ऐसा किरदार मिला है जो कॉर्नर में खड़े होकर चिप्स या मिल्कशेक खाने की बजाय खुद अपने लिए खड़ा हो सकता है।

फिल्म में गायत्री रंधावा मोटी होने की वजह से अंडर कॉन्फिडेंट हैं और रोज अपने घर वालों के ताने सुनती हैं। आलिया के कैरेक्टर रानी से प्रेरित होकर गायत्री खुद अपने लिए स्टैंड लेती हैं। उनके किरदार को काफी पसंद किया गया है।

अंजलि आनंद ने खतरों के खिलाड़ी 13 से अपनी पहचान बनाई थी। उन्होंने इस फिल्म के साथ अपना बॉलीवुड डेब्यू किया है। करण जौहर की फिल्म से डेब्यू करने पर अंजलि ने कहा कि उन्होंने बचपन से ही ये सपना देखा है कि वो किसी दिन करण जौहर की फिल्म में काम कर सकें।

अंजलि ने ये भी कहा कि जब उन्हें ये पता चला कि उन्हें ओवरवेट लड़की का रोल ऑफर किया गया है तो वो उदास हो गईं। लेकिन, वो करण जौहर और धर्मा प्रोडक्शन को मना नहीं करना चाहती थीं।

अंजलि ने बताया- फिल्म में अंजलि ने जया बच्चन के सामने अपना स्टैंड लेते हुए एक डायलॉग डिलीवर किया था। जब मैंने अपना पार्ट खत्म किया तो मैंने देखा कि जया बच्चन की आंखों में आंसू आ गए थे जबकि उनके किरदार को गुस्से में होना था। सीन कट होने के बाद जब मैंने जया बच्चन से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे रोते हुए देखकर उन्हें भी रोना आ गया।

अंजलि ने आगे कहा- जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़नी शुरू की तो मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मैं कितनी गलत थी। गायत्री की तरह मैं भी रियल लाइफ में कहना चाहती हूं कि अब बस हो गया! मैंने ये साबित कर चुकी हूं कि मैं किस तरह के रोल बखूबी निभा सकती हूं और मुझे उम्मीद है कि मुझे आगे अच्छे रोल मिलेंगे।

फिल्म में गायत्री को उसके घर वाले गोलू कहते हैं। अंजलि ने इस पर भी बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें इस चीज से सख्त नफरत है कि कोई उन्हें क्यूट, मोटू और गोलू बुलाए। अंजलि बोलीं- अगर आप किसी को ये कहें कि वो बदसूरत हैं तो क्या उन्हें बुरा भी नहीं लगेगा। लोगों को लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है लेकिन ऐसा नहीं होता, हर किसी को सिर्फ उसके नाम से बुलाना चाहिए।

फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में महिलाओं को सशक्त करने, स्टीरियोटाइप तोड़कर आगे बढ़ने, बॉडी शेमिंग जैसे कॉन्सेप्ट्स उठाए गए हैं। साथ ही ये फिल्म समाज में पितृसत्तात्मक सोच को भी टारगेट करती है।