यूपी एसटीएफ आयुष दाखिले के फर्जीवाड़ा में दो और प्रबंधकों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है। साथ ही पिछले दिनों गिरफ्तार एक प्रबंधक और निदेशालय से जुड़े एक अधिकारी को गिरफ्तार कर सकती है। ये वही अधिकारी हैं, जिनके जरिए दाखिला के नाम पर पैसा अन्य लोगों तक पहुंचाया जाता था।
यूपी एसटीएफ ने आयुष दाखिले में फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार कृष्णा एंड सुदामा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के मालिक और भाजपा नेता विजय यादव के बाद दो और प्रबंधक को जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, भदोही से तीन प्रबंधकों समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया था।
इनसे हुई लंबी पूछताछ में कई घोटाले से जुड़े साक्ष्य मिले हैं। इसके आधार पर कुछ लोगों की पूछताछ और साक्ष्य जुटाने के लिए तलाश की जा रही है। आयुष घोटाले के सूत्राधार कुलदीप से इन दोनों प्रबंधकों की लगातार बातचीत होती थी। निदेशालय के अफसर और कर्मचारी सीधे बात नहीं करते थे।कुलदीप और उसकी कम्पनी वी-थ्री सॉल्यूसंस के कर्मी अफसरों के बीच का सूत्राधार था। इनके जरिये ही सब कुछ तय होता था।
एसटीएफ को इसमें से एक अफसर के विषय में अहम जानकारी हाथ लगी है। जल्द ही उसके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हो गई है।
एसटीएफ कुछ और सवालों के जवाब और अभ्यर्थियों के विषय में जानकारी के लिए गिरफ्तार विजय यादव और उसके भाई धर्मेद्र को रिमांड पर लेगी। आयुष फर्जीवाड़े में चार नवम्बर को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गई थी। इसमें आयुर्वेद निदेशालय के निलंबित निदेशक एसएन सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. उमाकांत यादव, वित्त लिपिक राजेश कुमार, कुलदीप वर्मा समेत 14 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। दो दर्जन से अधिक लोग एसटीएफ की रडार पर हैं। इनके बारे में जांच चल रही है।