विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर विभिन्न संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम हुए। केजीएमयू के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में जागरूकता कार्यक्रम हुआ। विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त बताया कि तम्बाकू से मुंह का कैंसर का खतरा बढ़ जाता है सरकार तम्बाकू पर पाबंदी लगाए । सिगरेट के धुएं से 7000 हानिकारक रसायनिक पदार्थ निकलते हैं। जिनमें निकोटीन प्रमुख है। इसमें लगभग 150 ऐसे तत्व पाये जाते है जो की कैंसर की वजह हैं। जिसके कारण 40 तरह के कैंसर हो सकते हैं। हर साल तम्बाकू व धूम्रपान से भारत में लगभग 3000 लोगों की मौत हो रही है।
डॉ. सूर्यकान्त ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तम्बाकू पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की मांग की। वे वर्ष 2018 से लगातार ऐसा पत्र लिख रहे हैं। इसी तरह केजीएमयू पैरामेडिकल संकाय द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर डॉ. भूपेंद्र सिंह का व्याख्यान हुआ । उन्होंने कहा कि तम्बाकू से खुद का जीवन तो संकट में पड़ता है वहीं परिवार भी संकट में आ जाता है। परिवार को आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता हुई। जिसमें स्वाति, खुशी चौधरी, प्रतिमा यादव और दर्शिका विजय रहे।
रिवर बैंक कालोनी स्थित आईएमए भवन में जागरूकता कार्यक्रम हुआ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा कि तम्बाकू और धूम्रपान हमे अपनों से छीन रहा है। तम्बाकू से तौबा करें। सेहत को गले लगाएं। आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने सभी का स्वागत किया। सचिव डा संजय सक्सेना ने बताया कि धूम्रपान से धमनियां कमजोर होने लगती हैं। दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक भी हो सकता है।