अमिताभ को याद आए मां के जीवन के आखिरी पल, बोले- उन्हें बचाने की कोशिश में लगे डॉक्टर से मैंने कहा, उन्हें जाने दो

अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन ने आज ही के दिन यानी 21 दिसंबर 2007 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी पुण्यतिथि है, इस मौके पर बिग-बी ने मां के साथ बीते आखिरी क्षणों को याद करते हुए बेहद इमोशनल ब्लॉग शेयर किया है। उनके इस ब्लॉग को पढ़कर खुद सोशल मीडिया यूजर्स भी भावुक हो गए।
21 दिसंबर का दिन को याद करते हुए अमिताभ ने लिखा- ‘मां अपने स्वभाव की तरह ही शांति से चली गईं। उस वक्त मैंने डॉक्टरों को बार-बार उनके नाजुक से दिल को फिर से जिंदा करने की कोशिश करते हुए देखा। डॉक्टर बार-बार पंप कर रहे थे, ताकि उनकी सांसो को वापस लाया जा सके। हम अपने हाथों को थामे हुए खड़े थे। भतीजियों और बच्चों की आंखों में आंसू थे।
अमिताभ आगे लिखते हैं- ‘ उस वक्त मैंने डॉक्टर से कहा छोड़ दो। उन्हें छोड़ दो, वो जाना चाहती हैं। उन्हें रोकने की कोशिश मत करो, उस वक्त हर कोशिश उनके लिए दर्दनाक थी और हमारे लिए वहां पर खड़े होकर यह दृश्य देखना उससे भी खतरनाक था। हर बार सीधी रेखा दिखाई दी और फिर फिजिकल पंपिंग ग्राफिक रिस्पॉन्स में बदल जाएगी। मैंने डॉक्टर से कहा रोको इसे और उन्होंने ठीक वैसा ही किया। अचानक मॉनिटर पर सीधी रेखा का सिंगुलर टोन सुनाई दिया और मां हम सभी को छोड़कर चली गईं।’
अमिताभ ने लिखा- ‘हाल ही में किसी ने अपने खास के जाने के बारे में बताया था कि वो एक बेहतर जगह चला गया है। ऐसे शब्द हम अक्सर सुनते हैं, जब किसी के निधन पर सांत्वना दी जाती है। उनके माथे पर एक हाथ, अस्पताल में कमरे के सन्नाटे में लाखों यादें फ्लैश हो रहीं थीं। डाक्टर ने हमें उनको घर ले जाने को कहा, इसके बाद हम मां के शव को प्रतीक्षा लेकर गए। घर का हॉल धोकर साफ किया गया, मां की तस्वीर, उनका सुंदर चेहरा, कुछ सफेद फूल और एक गहरा सन्नाटा। वो आखिरी बार वहीं पड़ी रहीं।
बिग बी उस वक्त को याद करते हुए लिखते हैं- ‘उनकी भतीजियां पाठ करने के लिए गुरु ग्रंथ साहब लेकर आईं। वो पूरी रात मां के पास बैठी रहीं, मैं फर्श पर लेटा रहा। अगले दिन सुबह उनका दाह संस्कार हुआ। उनका शरीर आग की लपटों में था। उनकी राख को उन पवित्र जगहों पर ले जाया गया, जिन जगहों पर वो विश्वास करती थीं और प्रार्थना करने जाया करती थीं।’ उनकी तस्वीर को दिवंगत बाबू जी की तस्वीर के बगल रखा गया। मां के सम्मान में उनका कमरा आज भी वैसा ही रहता है। वो हमेशा हमारे साथ रहती हैं, अम्मा जी पूरी दुनिया की सबसे खूबसूरत मां हैं।’
दिवंगत कवि हरिवंश राय बच्चन की पत्नी और अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन भारत की नामी हस्तियों में से एक थी। उन्होंने बतौर सामाजिक कार्यकर्ता देश के लिए काम किया। तेजी बच्चन का असली नाम तेजवंत कौर सूरी था,12 अगस्त 1914 को उनका जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। सिख खत्री परिवार में जन्मीं तेजी ने लाहौर के खूब चंद डिग्री कॉलेज से साइकोलाजी की पढ़ाई की थी। हरिवंश राय बच्चन से उनकी पहली मुलाकात लाहौर में हुई थी, जब वो एक इवेंट में पहुंचे थे। ये मुलाकात जल्द ही प्यार में बदल गई।
1941 में हरिवंश राय बच्चन और तेजी ने शादी कर ली। 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद शहर में अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ, जो आज सदी के महानायक हैं। 2003 में हरिवंश राय बच्चन ने दुनिया को अलविदा कह दिया, वहीं 2007 में तेजी का भी निधन हो गया।