भारतीय जनता पार्टी में कौन नया अध्यक्ष बनाया जाएगा, इसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस साल के अंत तक हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव तक अमित शाह ही बीजेपी की कमान संभालेंगे.
अमित शाह को ही जरूरत पड़ने पर पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. तीनों राज्यों के चुनाव को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इसलिए बीजेपी किसी तरह का कोई खतरा नहीं उठाना चाहती है.
केंद्र में अमित शाह को गृह मंत्री बनाए जाने के बाद से ही माथापच्ची शुरू हो गई है. तब से यह तय लगाना मुश्किल हो गया है. क्योंकि बीजेपी के नए अध्यक्ष का चुनाव 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन के चुनाव होने के बाद ही संभव हो सकता है. ऐसी स्थिति में सोचा गया कि बीजेपी के लिए एक कार्यकारी अध्यक्ष तय कर दिया जाए. बाद में बीजेपी द्वारा फैसला लिया गया कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक अमित शाह को ही अध्यक्ष पद पर रखा जाए.
इस मामले में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “दरअसल तीनों राज्यों में शाह की जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ है. अगर संगठन की जिम्मेदारी किसी नए चेहरे को दी जाएगी तो उन्हें जमीनी समझ हासिल करने में ही लंबा वक्त लगेगा, जबकि पार्टी के पास तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं है. यही कारण है कि पार्टी ने शाह को साल के अंत तक संगठन की जिम्मेदारी देने और बीच में जरूरत महसूस होने पर कार्यकारी अध्यक्ष घोषित करने की रणनीति बनाई गई है.”