तृणमूल पर बरसे अमित शाह ने कहा- हम विपक्षियों की हत्या कर नहीं हासिल करते सत्ता

लोकसभा में बहस दिल्ली में तीनों नगर निगमों (एमसीडी) के एकीकरण के विधेयक पर हो रही थी, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष की ओर से दूसरे राज्यों की राजनीति साधने की भी भरपूर कोशिश हुई। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत राय ने भाजपा पर सत्तालोलुप होने का आरोप लगाया तो गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें चुनाव के पहले और बाद में बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा का आइना दिखा दिया। पंजाब से कांग्रेस सदस्य रवनीत सिंह अपनी पार्टी की लाइन से अलग हटकर विधेयक के खिलाफ बोलने के बजाय आम आदमी पार्टी पर बरसते नजर आए।
सौगत राय ने आरोप लगाया कि केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों में सत्ता में होने के बावजूद भाजपा की सत्ता की भूख खत्म नहीं हो रही है और अब वह एमसीडी जैसी स्थानीय निकाय पर सत्ता को बनाए रखने के लिए एकीकरण के बहाने चुनाव टालने की कोशिश में जुटी है। इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि सत्ता में आने की कोशिश करना कोई गलत काम नहीं है और सभी राजनीतिक पार्टियों का यही उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि गोवा में इसी उद्देश्य से तृणमूल कांग्रेस विधानसभा का चुनाव लड़ने गई थी। लेकिन भाजपा सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव जीतकर सत्ता में आना चाहती है।

विधानसभा चुनाव के दौरान और बाद में बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कटाक्ष किया कि हम विपक्षी कार्यकर्ताओं की हत्या कर और महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर सत्ता में नहीं आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र को सीख देने की जरूरत नहीं है। तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस अपने यहां लोकतंत्र की हालत को देख लें, जहां एक ही परिवार का दशकों से पार्टी पर कब्जा है और लोकतंत्र का कोई नामोनिशान नहीं है।

इसी तरह से राकांपा सदस्य सुप्रिया सुले ने एमसीडी में चुनाव टालने और ओएसडी बैठाने के प्रविधान को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया तो शाह ने बता दिया कि महाराष्ट्र में कई नगर निगम सालों से प्रशासक के सहारे चल रहे हैं। झारखंड में डेढ़ साल से नगर निगमों के चुनाव नहीं हुए हैं, प्रशासक ही उन्हें चला रहे हैं।
रवनीत सिंह ने विधेयक के खिलाफ बोलने के बजाय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलकर कांग्रेस को असहज स्थिति में ला दिया। रवनीत सिंह ने कहा कि विधेयक के विरोध के बजाय दिल्ली सरकार के करतूतों को देखना चाहिए, जिसने दिल्ली के पैसे से पूरे पंजाब में अपना प्रचार किया। उन्होंने अमित शाह से इस मामले की जांच कराने की मांग की। रवनीत ने कहा कि अब केजरीवाल पंजाब के पैसे का इस्तेमाल गुजरात चुनाव में भाजपा के खिलाफ करेंगे। नवनीत ने यह भी साफ किया कि पंजाब में केजरीवाल की जीत की मूल वजह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई

एमसीडी विधेयक पर चर्चा के दौरान एक सदस्य के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होने और सभी दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रपति शासन के अधीन रखने में केंद्र की कोई दिलचस्पी नहीं है। शाह ने कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर में पहले पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। उसके बाद परिसीमन कराया जाएगा, फिर विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे और उसके बाद राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। पंचायत और जिला पंचायत चुनाव संपन्न हो गए हैं। परिसीमन की प्रक्रिया भी पूरी होने वाली है।