दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्शन में आ गए हैं। लगातार बढ़ रहे केसेस को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर अमित शाह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के एलजी अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में एक अहम बैठक कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि से उत्पन्न स्थिति का जायजा ले रहे हैं। साथ ही इससे किस तरह से निपटा जाए, इस पर चर्चा हो रही है। दो नवंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा बुलाई गई एक बैठक में त्योहारों और लोगों की अधिक आवाजाही के साथ-साथ लोगों द्वारा कोविड-19 मानदंडों का पालन नहीं किए जाने को दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। हालांकि, केजरीवाल ने पिछले हफ्ते मामलों में उछाल के लिए प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया था।
भल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक कहा गया था कि गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जांच, संक्रमितों का पता लगाने और उपचार के लिए वृहद प्रयास किए जाएंगे। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया था कि मेट्रो की यात्रा को मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार सावधानीपूर्वक विनियमित किया जाना चाहिए।
दिल्ली में कोविड-19 के मामलों और उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए प्रशासन जांच, संपर्क का पता लगाने और उपचार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
बढ़ते प्रदूषण के साथ विशेष रूप से त्योहारी मौसम और घटते तापमान को देखते हुए रविवार की बैठक में, दिल्ली में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार करने के विषय पर चर्चा होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को को कोविड-19 के 3235 नए मामले सामने आए, जबकि 95 और लोगों की मौत हुई। रविवार को मामलों में आई कमी बेहद कम टेस्ट के कारण दर्ज हुई है। दिवाली के दिन दिल्ली में मात्र 21 हजार कोरोना के सैंपल्स के टेस्ट किए गए। लेकिन हम संक्रमण की दर को देखें तो यह 15 प्रतिशत है, जो काफी चिंतनीय है।