भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों का किया अमित शाह ने आह्वान

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मौजूदा समय देश के विकास के लिए अमृत काल है। ऐसे में सभी लोगों को पार्टी विचारधारा से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है, ताकि देश को विश्व गुरु का गौरव फिर से दिलाया जा सके। उन्होंने अमृत काल के अगले 25 वर्षों को देश के विकास के लिए अहम बताया। कहा कि यदि इस मौके पर हर नागरिक एक-एक ही संकल्प ले तो 130 करोड़ संकल्प देश को महान बनाएगा। देश की गिनती दुनिया के विकसित देशों में होने लगेगी।
गृह मंत्री शाह मंगलवार को आजादी के 75वें वर्ष के मौके पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव आयोजनों को लेकर राज्यों के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। शाह आजादी के अमृत महोत्सव आयोजनों के अमल को लेकर बनाई गई राष्ट्रीय कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में लोगों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जाए, इस दिशा में काम करें। नई पीढ़ी को आजादी के संघर्षो और देश के साथ जोड़ने का यह एक सुनहरा मौका है। अपने-अपने राज्य में कुछ ऐसे स्थानों को विकसित करें, जो नई पीढ़ी की चेतना का केंद्र बने। उन्होंने दिल्ली में लाल किले को दिए गए नए स्वरूप का भी जिक्र किया और सभी से कहा कि वे वहां देखकर आएं।
गृह मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस मुहिम में पार्टी विचारधारा से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत बताई। कहा कि हमें नहीं पता है कि 25 वर्षो के बाद देश का प्रधानमंत्री कौन होगा और किस पार्टी की सरकार होगी? कोई भी हो लेकिन देश रहेगा। इसलिए सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मिशन को सफल बनाना चाहिए। देश को दुनिया में अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए सभी को मिलकर मिलकर प्रयास करना होग

शाह ने अब तक के आयोजनों का पूरा ब्योरा रखा और बताया कि अमृत महोत्सव के तहत देश-विदेश में 25 हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इनमें राज्यों की ओर से करीब 72 सौ कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो केंद्र के मुकाबले काफी कम है। उन्होंने राज्यों से इसकी संख्या बढ़ाने को कहा। इससे जुड़े आयोजनों को गांव-गांव तक पहुंचाने की सलाह दी। सम्मेलन को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी संबोधित किया। कहा कि आने वाले दिनों में अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। राज्यों के साथ चर्चा कर पूरी योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।