चार राज्यों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत कितनी अहमियत रखती है इसका अंदाजा यहां होने वाली विधायक दल की बैठकों के लिए भेजे जा रहे पर्यवेक्षकों के कद से लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया है। इसी तरह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उत्तराखंड, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मणिपुर और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को गोवा का पर्यवेक्षक नामित किया गया है। इन राज्यों में होली के बाद 19 मार्च को विधायक दल की बैठकें होने की संभावना है
ध्यान देने की बात है कि भाजपा की जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में 2022 की जीत ने 2024 का परिणाम तय कर दिया है। अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाने को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है।
स्पष्ट रूप से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया है और उनके नाम पर विधायक दल की मुहर लगनी तय है। लेकिन देश के इस सबसे बड़े राज्य में सभी वर्गों, क्षेत्रों और जातियों का मंत्रिमंडल में समुचित स्थान सुनिश्चित करना भविष्य की रणनीति के लिए जरूरी होगा।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के चुनाव हार जाने के बाद उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछड़े वर्ग के बड़े चेहरे के रूप में उनका सरकार या पार्टी में सम्मानजनक स्थान भी सुनिश्चित करना होगा। इसी तरह विधानसभा चुनावों में पहली बार उम्मीदों के साथ दलित वर्ग ने भाजपा का दामन थामा है। अमित शाह को इस वर्ग की राजनीतिक आकांक्षाओं का भी ख्याल रखना होगा। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास इसमें उनका सहयोग करेंगे।
मणिपुर में निर्मला सीतारमण को पर्यवेक्षक बनाकर भाजपा ने पूर्वोत्तर को अहमियत देने की मोदी सरकार की नीति को आगे बढ़ाया है। असम के बाद मणिपुर पूर्वोत्तर का दूसरा ऐसा राज्य है जहां भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। यहां खास बात यह है कि मणिपुर में पहली बार भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में सफल रही है। बीरेन ¨सह का वहां विधायक दल का नेता चुना जाना तय है
गोवा में पहली बार स्पष्ट बहुमत के साथ और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक बनाया है जहां प्रमोद सावंत का फिर से विधायक दल का नेता चुना जाना तय है।
उत्तराखंड में भारी बहुमत से जीतने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। धामी की हार के बाद राज्य के कई दिग्गज नेताओं ने अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है। राज्य में नेतृत्व की उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को सौंपी गई है। विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी उनके साथ होंगी। जटिल राजनीतिक परिस्थितियों में बेहतर सामंजस्य बिठाने और सर्वसम्मति बनाने में माहिर राजनाथ सिंह विधायक दल की एक सर्वमान्य नेता चुनने में मदद करेंगे। फिलहाल वहां जीते हुए विधायकों में से किसी एक को चुने जाने की संभावना के बीच पुष्कर सिंह धामी के दावे को भी दरकिनार नहीं किया जा रहा है।