देशभर में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के कर्मचारियों की हड़ताल के बीच, रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के उत्पादों की कीमत बहुत ज्यादा है, उनके खराब गुणवत्ता को लेकर भी कई मुद्दे हैं और कारखानों में नई खोज बहुत कम होती हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) का सार्वजनिक क्षेत्र की कॉर्पोरेट इकाई में प्रस्तावित परिवर्तन कारखाना की दक्षता में सुधार करेगा, आयात निर्भरता को कम करेगा और सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएगा।
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हथियार और गोला-बारूद बनाने वाले इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज के करीब 83,000 कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के फैक्ट्रियों के निगमीकरण का प्रस्ताव पास करने के विरोध में यह कदम उठाया।
इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज संगठन के तहत 41 आयुध कारखाने आते हैं और इनका मुख्यालय ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के नाम से कोलकाता में है। इसका रक्षा उत्पादन में 200 साल से ज्यादा का अनुभव है।
इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज के हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार एक तरफ जहां सेना को ताकतवर बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा संस्थानों के निजीकरण का षडयंत्र रच रही है। हड़ताली कर्मचारियों के मुताबिक सरकार का यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए घातक साबित होगा।