यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच लगातार बढ़ते तनाव में चीन की एंट्री के बाद अब अमेरिका ने उसपर निशाना साधा है। यूक्रेन संकट पर अमेरिका ने चीन पर वार करते हुए कहा है कि चीन यूक्रेन में डी-एस्केलेशन चाहता है क्योंकि यूरोप में हुआ कोई भी संघर्ष चीन के हितों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बता दें कि बीते दिन चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण राजनीतिक समाधान की पैरवी करते हुए अमेरिका और नाटो को फटकार लगाई थी
स्पुतनिक को शुक्रवार को दिए एक बयान में अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘निश्चित रूप से इस स्थिति में संघर्ष को देखना चीन के हित में नहीं है, न केवल ओलंपिक के कारण, बल्कि यूरोप में विनाशकारी संघर्ष का अधिक व्यापक रूप से प्रभाव पूरी दुनिया में चीन के हितों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन इन सिद्धांतों पर बात करेगा, इन सिद्धांतों को कूटनीति के रास्ते पर बनाए रखने को सोमवार को भी महत्व देगा।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सोमवार को यूक्रेन की स्थिति को संबोधित करने के लिए एक विशेष बैठक करेगी। हालांकि, रूस ने अमेरिका द्वारा अनुरोधित बैठक की आलोचना करते हुए इसे पीआर स्टंट बताया है। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका कई मुद्दों पर चीन के साथ बहुत सक्रिय बातचीत कर रहा है, लेकिन विशेष रूप से रूस और यूक्रेन पर हाल ही में यह सब देखने को मिला है।
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस पर यूक्रेन पर आक्रमण की तैयारी के लिए सैनिकों और सैन्य उपकरणों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। स्पुतनिक ने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर आगे बढ़ने का फैसला करने पर वाशिंगटन ने बड़े प्रतिबंधों की धमकी दी है। दूसरी ओर रूस ने आरोपों को बार-बार खारिज करते हुए कहा है कि उसे अपने सैनिकों को अपने संप्रभु क्षेत्र में स्थानांतरित करने का अधिकार है और वह किसी भी देश पर हमला करने की योजना नहीं बना रहा है। मास्को आरोपों को रूसी सीमाओं के करीब नाटो सैन्य उपकरणों की तैनाती के बहाने के रूप में देखता है।