हांगकांग की चुनाव व्यवस्था में सुधार की आड़ में चीन यहां की राजनीति को नियंत्रित करने की फिराक में है।अमेरिका ने शुक्रवार को हांगकांग के सांसदों के चयन पर शहर की स्वायत्तता पर ‘प्रत्यक्ष हमले’ के रूप में चीन की प्रस्तावित नई वीटो शक्तियों की इस ठग नीति का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि प्रस्तावित उपाय ‘हांगकांग की स्वायत्तता, हांगकांग की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर सीधा हमला है।’ उन्होंने कहा कि यह कदम हांगकांग के मूल कानून का उल्लंघन होगा । ‘अगर इसे लागू किया जाता है तो ये उपाय हांगकांग के लोकतांत्रिक संस्थानों को काफी कमजोर कर देंगे। उन्होंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ अमेरिका हांगकांग के लोगों को अधिकार दिलाने के लिए उनके साथ खड़ा है।’
बता दें कि चीन ने अपने नियंत्रण वाले हांगकांग की राजनीति पर पकड़ मजबूत करने की तैयारी की है। इस कड़ी में चीन समर्थित समिति हांगकांग की विधायिका के कुछ सदस्यों का चुनाव भी करेगी। यह समिति हांगकांग के नेता का चयन करती है। चीन ने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हांगकांग में गत वर्ष विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इसी सत्र में हांगकांग पर चीन का शिकंजा मजबूत करने के लिए भी एक प्रस्ताव आगे बढ़ाया गया है। 7 दिन तक चलने वाले सत्र में चीन के लिए लंबे समय की आर्थिक योजना बनाने के साथ ही हांगकांग के चुनावी तंत्र में बड़े बदलाव किए जाने हैं। इन बदलावों के बाद हांगकांग की सरकार में आम लोगों की भूमिका सिमट जाएगी।
चीन की संसद हांगकांग के चुनावी तंत्र में बड़े बदलाव करने की रणनीति की समीक्षा कर रही है। नई नीति के मुताबिक चीन समर्थक राजनेता और कारोबारी वर्ग एक चुनाव कमेटी का गठन करेंगे। यही कमेटी हांगकांग की विधान परिषद के लिए उम्मीदवारों को नामांकित करेगी। इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि केवल “देशभक्त ही हांगकांग का प्रशासन संभालें। इससे पहले पिछले साल संसदीय सत्र के दौरान चीन ने हांगकांग के लिए एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाया । यह कानून अनिवार्य रूप से विरोध को आपराधिक बना देता है।