अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन्स शुरू कर दिए

इजराइल और हमास की जंग में सीजफायर की नई कोशिश शुरू हो गई है। बुधवार को इजराइल का एक डेलिगेशन इजिप्ट की राजधानी काहिरा पहुंचा। माना जा रहा है कि यहां कतर के अफसर भी मौजूद हैं। नई कोशिश के तहत इजराइल चाहता है कि हमास सबसे पहले 132 बंधकों को रिहा करे और इसके बाद उससे किसी तरह की बातचीत शुरू हो।
दूसरी तरफ, अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन्स शुरू कर दिए हैं। बुधवार को दोनों देशों की नेवी ने एक कम्बाइंड ऑपरेशन में हूती विद्रोहियों का एक बड़ा हमला नाकाम कर दिया।
बातचीत के लिए काहिरा पहुंचे इजराइली डेलिगेशन में शामिल अफसरों के नाम नहीं बताए गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- इजिप्ट और कतर के अलावा इस बातचीत में अमेरिका भी शामिल है। इजराइल ने कुछ दिन पहले साफ कर दिया था कि हमास से बातचीत की पहली शर्त ये है कि वो सबसे पहले 132 बंधकों को रिहा करे और इसके बाद किसी तरह की बातचीत हो सकती है।
इजिप्ट के एक अफसर ने इस शर्त की पुष्टी की है। उसने कहा- हम सब मिलकर हमास को इस बात के लिए तैयार करना चाहते हैं कि अगर वो बंधकों को छोड़ देता है तो गाजा में हालात सुधर सकते हैं।
कुछ दिन पहले एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इजराइली इंटेलिजेंस एजेंसी मोसाद को बंधकों की लोकेशन मिल चुकी है, लेकिन दिक्कत ये है कि हमास का आतंकी सरगना सिनवार उन्हें शील्ड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों को लगातार दूसरे दिन बड़ा नुकसान पहुंचाया। यहां हूती विद्रोहियों के ड्रोन और मिसाइल्स मौजूद थीं। इनका इस्तेमाल ट्रेड शिप्स को हाईजैक करने में किया जाता था। माना जा रहा है कि इनमें ज्यादातर हथियार और छोटी मिसाइलें ईरान ने ही हूती विद्रोहियों को मुहैया कराई थीं।
अमेरिका के फाइटर जेट्स और ब्रिटिश नेवी ने बुधवार को मल्टीलेवल ऑपरेशन शुरू किए। रिपोर्ट्स के मुताबिक- हूती विद्रोहियों की तरफ से अमेरिका के एक जहाज को निशाना बनाए जाने की तैयारी थी। इसके पहले ही रेड सी में तैनात अमेरिकी वॉरशिप आईजनहॉवर ने एक्शन लिया। इसमें ब्रिटिश नेवी ने भी मदद की। इसके बाद हूती विद्रोहियों के हमले को नाकाम कर दिया गया।
इजराइल और अरब देशों के रिश्ते सुधारने के लिए अमेरिका लगातार कोशिश करता रहा है। सितंबर 2023 में प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने साफ तौर पर कहा था कि वो अपने टैन्योर में इजराइल और अरब देशों के बीच नॉर्मल डिप्लोमैटिक रिलेशन चाहते हैं। बाइडेन ने इस मामले में खास तौर पर सऊदी अरब का नाम लिया था। हालांकि, इजराइल और हमास जंग के बाद यह काम मुश्किल नजर आता है।
मंगलवार को एंटनी ब्लिंकन ने इसी तरफ इशारा किया और अच्छे रिश्तों की पहल इजराइल की तरफ से कराए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा- अरब वर्ल्ड में अमन की बहुत जरूरत है और मैं चाहता हूं कि इजराइल अब अरब देशों से अपने रिश्ते सुधारे। उसके पास यह बहुत अच्छा मौका भी है, क्योंकि अरब देश भी नहीं चाहते कि इस इलाके में जंग के हालात बार-बार बनें।