कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने और नई पार्टी के ऐलान से हड़कंप मच गया है। कैप्टन के दांव से पंजाब कांग्रेस में स्थिति संभालने का दौर शुरू हो गया है। इसके लिए पंजाब भवन में कांग्रेस की करीब 3 घंटे की मीटिंग चली। इसकी अगुवाई CM चरणजीत चन्नी, नवजोत सिद्धू और पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी कर रहे हैं। इसमें पंजाब सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया है। हालांकि, इसे अगले चुनाव के लिए रणनीति बनाने के नाम पर बुलाया गया है।
मीटिंग के बाद सिद्धू ने सिर्फ ऑल इज वेल कहा और उसके बाद वहां से रवाना हो गए। वहीं, हरीश चौधरी ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस अगली सरकार बनाएगी। कांग्रेस एकजुट है। कैप्टन के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि उस पर पार्टी की आंतरिक नीति के हिसाब से फैसला लिया जाएगा। कैप्टन के जाने से नुकसान पर चौधरी ने कहा कि हम सिर्फ पंजाब की भलाई की सोच रहे हैं।
पंजाब में कांग्रेस की चिंता यह है कि कैप्टन अमरिंदर के साथ कौन-कौन से विधायक जा सकते हैं। कहीं ऐसा न हो कि पंजाब में सरकार को खतरा पैदा हो जाए। अमरिंदर खेमा कई बार कह चुका है कि 10 से 15 विधायक कैप्टन के साथ हैं। ऐसे में कहीं अचानक कांग्रेस सरकार फिर से बगावत में न फंस जाए, इसे रोकने के लिए अब यहां चर्चा की जा रही है।