संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। सत्र में हुए विरोध प्रदर्शनों को लोकर पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप अभी भी लगा रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह जो शीत सत्र शुरू हुआ वह निलंबन के साथ शुरू हुआ। जिस दिन सदन शुरू हुआ उसी दिन हमारे 12 सदस्यों को निलंबित किया गया। ये ऐसे 12 सदस्य हैं जो हमेशा राज्यसभा में सक्रिय रहते हैं। घटना मानसून सत्र में हुई थी और कार्यवाही शीत सत्र में कई गई। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने पहले ही दिन 12 संसदों को निलंबित किया जो नियमों के खिलाफ है। हमने सरकार से चर्चा के माध्यम से इस मामले का समाधान निकालने के लिए भी बोला था। केंद्र सरकार अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाना चाहती इसलिए उन्होंने ऐसा किया।
वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम लोग सदन चलाना चाहते थे। विपक्ष चर्चा ही नहीं करना चाहता है बाद में दिन गिनाते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वो नान सीरियस पार्ट टाईम नेता हैं। शायद कहीं नया साल मनाने जा रहे हों, जाने दीजिए।
शीतकालीन सत्र का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए जोशी ने कहा कि संसद का सत्र 29 नवंबर 2021 को शुरू हुआ और आज संपन्न हो गया है। 24 दिनों में 18 बैठकें हुईं। इस दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 82 फीसद और राज्यसभा की 47 फीसद रही है। राज्यसभा में 9 बिल और लोकसभा में 11 बिल पास हुए हैं
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन चलाने का हमारा इरादा था, लेकिन जब टेनी का मामला आया तो हमने सरकार से सवाल किया। नैतिकता के आधार पर अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करना चाहिए था। सरकार ने सदन में बहुमत के सहारे विपक्ष को दबाया और सदन को ठप्प करने का तनाव पैदा किया है।