नियमों को ताख पर रख आरडब्ल्यूए बनाने, 40 % मेंनेंटेंस खर्च भी बढ़ा दिया गया। ऐसे में जो खर्च पहले करीब 8000 रुपए का आता था वह अब 11 हजार रुपए का आ रहा है। रविवार को शहर के सबसे वीआईपी कॉलोनी शालीमार गैलेंट में आवंटियों ने अपने ही आरडब्ल्यूए के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप था कि मौजूदा समय जो आरडब्ल्यूए है वह गलत तरीके से गठित की गई है। इसको लेकर रजिस्ट्रार के यहां विवाद चल रहा है। बिना चुनावी प्रक्रियां के ही यहां कमिटी गठित कर दी है।
यहां रहने वाले स्थानीय निवासी सुमित गुप्ता ने बताया कि इसको लेकर वह लोग सभी उचित मंच पर शिकायत कर चुके हैं। बावजूद यहां के लोगों को परेशान किया जा रहा है। यहां के आक्रोशित फ्लैट मालिकों ने आरोप लगाया कि गैलेंट के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) में शामिल लोग मनमाना और अनैतिक काम कर रहे हैं। आरडब्ल्यूए के गलत रवैये से शालीमार के फ्लैट ओनरों को परेशानियों का सामना करने के साथ ही आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
आवंटियों के धरने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया। स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां खड़ी गाड़ियों पर भी फर्जी तरीके से चालान कर नोटिस दिया जाता है। सोसायटी के फ्लैट ओनर अधिक संख्या बच्चों, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक इकट्ठा होकर आरडब्ल्यूए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे। लोग आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष, सचिव आदि का घेराव करने जाने लगे। लेकिन पुलिस ने उनको ऐसा करने से रोका। ओनरों का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया कराकर आरडब्ल्यूए गठित की जाए। बेमतलब के नियम न थोपे जाएं
प्रदर्शन करने वालों में आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष भरत त्रिवेदी, पूर्व सचिव संजय चावला, सुमित गुप्ता, शिव सिंघानिया, यश, रत्नेश, अचल गुप्ता, नितेश, अभिनव, मंजुल, आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष भरत त्रिवेदी , पूर्व सचिव संजय चावला समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।
आवंटियों के प्रदर्शन को मौजूदा आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने गलत बताया है। आरडब्ल्यूए के वर्तमान सचिव कपिल का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया पूर्व सचिव संजय चावला की देखरेख में और वैधानिक तरीके से हुई थी। चुनाव प्रक्रिया के बारे में वह ही बता सकते हैं। गाड़ियों को अवैध पार्किंग से हटाने के लिए कहा गया है। हालांकि विरोध करने वाले उनसे चुनाव के दौरान इस्तेमाल हुए बेलेट पेपर दिखाने की बात कर रहे है। उनका कहना है कि यह झूठ बोला जा रहा है।