कर्नाटक विधान परिषद के लिए द्विवार्षिक चुनाव में सभी सात उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। निर्वाचित सदस्यों में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 4, कांग्रेस के 2 और जेडीएस के एक सदस्य शामिल हैं। भाजपा के लक्ष्मण सावदी (Laxmana Savadi), हेमलता नायक (Hemalatha Nayak), एस केशवप्रसाद (S Keshavprasad) और सी नारायणस्वामी (Chaluveri Narayanswamy), कांग्रेस के एम नागराजू यादव और के अब्दुल जब्बार, जेडीएस के टीए सरवाना निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। हालांकि, चुनाव केवल औपचारिकता थी क्योंकि यह एक पूर्व निष्कर्ष था कि ये उम्मीदवार ही जीतेंगे।
कर्नाटक में विधान परिषद का चुनाव इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि सात सदस्यों का कार्यकाल 14 जून को समाप्त हो रहा है। इन सदस्यों में भाजपा के लक्ष्मण सावदी और लहर सिंह, कांग्रेस के अल्लूम वीरभद्रप्पा, वीना अचैया और रामप्पा तिम्मापुर और जद (एस) के नारायण स्वामी और एचएम रमेश गौड़ा शामिल हैं।
बता दें कि एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 24 मई जबकि नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 27 मई थी। विधान परिषद सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 29 मतों की आवश्यकता होती है।
भाजपा ने कर्नाटक में होने जा रहे द्विवार्षिक विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट मंगलवार को जारी की थी। इस लिस्ट में राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को जगह नहीं मिली। कहा जा रहा था कि येदियुरप्पा अपने बेटे को एमएलसी चुने जाने के बाद एक प्रमुख कैबिनेट पद पर नियुक्त करना चाहते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा अपने बेटे को एमएलसी चुने जाने के बाद एक प्रमुख कैबिनेट पद पर नियुक्त करना चाहते हैं। वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनका बेटा आगामी विधानसभा चुनावों में एक प्रमुख भूमिका निभाए। भाजपा को डर है कि येदियुरप्पा एक बार फिर अपने बेटे के जरिए पार्टी को हाईजैक कर लेंगे। लेकिन पार्टी ने पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को द्विवार्षिक विधान परिषद चुनाव के लिए जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट में जगह नहीं दी है, जो पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।