यूक्रेन से अभी तक 20 हजार भारतीयों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। अभी यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों में दो से तीन हजार भारतीय छात्रों के फंसे होने की आशंका है। अगले 24 घंटे के दौरान 16 और फ्लाइट से भारतीय छात्र व नागरिक स्वदेश पहुंच रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के स्तर पर शुक्रवार को भी आपरेशन गंगा की समीक्षा की गई। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि शुक्रवार देर शाम तक यूक्रेन से 20 हजार से ज्यादा भारतीयों को निकाल लिया गया है। इनमें से आपरेशन गंगा के तहत 48 फ्लाइट से 10,334 भारतीय छात्र व नागरिक स्वदेश लाए जा चुके हैं। इनमें पिछले 24 घंटे के दौरान 18 फ्लाइट से लाए गए चार हजार लोग भी शामिल हैं। अगले 24 घंटे में 16 फ्लाइट और आएंगी। इसमें भारतीय वायु सेना का परिवहन विमान सी-17 ग्लोब मास्टर भी शामिल हैं। इसके जरिये भारत से यूक्रेन के लिए मानवीय सहायता भेजी जा रही है और वापसी में भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है।
बागची का कहना है कि अगले 24 घंटे में अधिकांश भारतीय भारत लौट चुके होंगे। हालांकि उसके बाद भी आपरेशन गंगा जारी रहेगा। यूक्रेन के पश्चिम में स्थित रोमानिया और मालदोवा से भारत को काफी मदद मिली है। रूस से भारतीयों को लाने के लिए आइएल-76 तैयार निकट भविष्य में रूस के क्षेत्र से भारतीय छात्रों को निकाले जाने की संभावना को देखते हुए भारतीय वायु सेना के आइएल-76 विमान को भी तैयार रखा गया है। लेकिन यह तभी संभव होगा कि जब युद्धग्रस्त खार्कीव व सुमी शहर में फंसे भारतीय छात्रों को रूस की सीमा के भीतर लाया जाए। बागची ने कहा कि एयर फोर्स के ये विमान काफी अच्छे विकल्प हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल तभी होगा जब भारतीय नागरिक रूस पहुंचे।