कुंभ का इतना प्रचार किया,मीडिया रिपोर्ट्स में आया कि सौ करोड़ लोगों के लिए इंतजाम किए गए हैं,शोर के बीच अखिलेश यादव ने कहा कि अगर मैं गलत कह रहा हूं तो अध्यक्ष महोदय मैं अपना इस्तीफा आपको देता हूं जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी,ये कहां की सनातनी परंपरा है? जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं,महिलाओं की साड़ियां पड़ी थीं,उनको कैसे उठाया गया,ट्रैक्टर की ट्रॉली से, उन्हें उठाकर कहां फेका, कोई नहीं जानता
जब लगा कि वहां से बदबू आ रही तो सरकार के लोग छिपाने लगे, मीडिया पर दबाव और कुछ स्वीटनर भी दिए जा रहे हैं जिससे खबरें बाहर नहीं जाएं अगर मैं गलत कह रहा हूं तो नेता सदन को भाषण देना है,यूपी के सीएम ने शोक नहीं प्रकट किया था,जब देश के पीएम और राष्ट्रपति ने शोक प्रकट किया, तब सीएम ने शोक प्रकट किया लोकसभा में महाकुंभ में मरने वाले लोगों के लिए मौन धारण किया जाए, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े सामने लाए जाएं महाकुंभ में आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो। जिन्होंने सच छिपाया, उनको दंडित किया जाए, अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा?