उत्तर प्रदेश बजट 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा. इस दौरान समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी की. वहीं पत्रकारों के साथ मार्शलों द्वारा दुर्व्यवहार की तस्वीरें सामने आई हैं. इसपर अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई है. अखिलेश यादव ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार सत्ताधारियों की हताशा का प्रतीक है. जब सत्ता पत्रकारों पर प्रहार करने लगे तो समझ लो वो सच से डर गयी है.” वहीं सपा ने ट्वीट कर तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “तानाशाह भाजपा सरकार, चौथे स्तंभ पर वार. आज विधानसभा में पत्रकार साथियों पर भाजपा सरकार के इशारे पर हुआ हमला बेहद शर्मनाक. लोकतंत्र खत्म करने का प्रयास कर रही योगी सरकार. सत्ता के अहंकार में दमन कर रही सरकार.”
क्या है मामला जानते है ?
दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण से पहले सपा सदस्यों ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव और विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज पांडेय की अगुवाई में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और जातीय जनगणना कराने की मांग के अलावा कानपुर देहात की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान पत्रकारों ने इसकी तस्वीरें लेने की कोशिश की. तभी मार्शलों ने उन्हें रोक लिया और बाहर कर दिया. इस दौरान कुछ पत्रकारों के साथ धक्का मुक्की भी की गई. जिसकी तस्वीरें सपा ने अपने ट्विटर पेज पर शेयर की है. बता दें कि पहले दिन कानपुर की घटना को लेकर भी विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा किया. सपा विधायकों द्वारा अखिलेश यादव के नेतृत्व में जातिगत जनगणना की मांग की गई.