उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने भी जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। अखिलेश यादव इस बार किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे, बल्कि छोटे-छोटे कई दलों को मिलाकर बड़ा गठबंधन तैयार करेंगे। खास बात ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव ने YMD यानी यादव, मुस्लिम और दलित फैक्टर पर पूरा फोकस किया हुआ है। इसके अलावा BJP और कांग्रेस से नाराज ब्राह्मणों को भी अपने पाले में लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। अखिलेश ने ब्राह्मणों के लिए अलग रणनीति तैयार की है।
समाजवादी पार्टी इस बार चाचा-भतीजे यानी अखिलेश और शिवपाल एक साथ मिलकर चुनाव के मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, ये साफ है कि शिवपाल वापस समाजवादी पार्टी में अपनी प्रगतिशील समाज पार्टी (लोहिया) का विलय नहीं करेंगे, बल्कि गठबंधन का हिस्सा जरूर बन सकते हैं। हां, वो अलग बात है कि दोनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर जरूर तनाव हो सकता है।
फिलहाल तो चाचा शिवपाल सिंह यादव को मनाने के लिए अखिलेश जुटे हुए हैं। इसके लिए वह पिता मुलायम सिंह यादव की मदद भी ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि गठबंधन के बाद विवाद न हो इसके लिए अभी से कई पॉइंट्स पर सहमति बनाने की कोशिश चल रही है।
शनिवार को सैफई में मुलायम सिंह यादव की पौत्री की शादी में पूरा परिवार एकजुट हुआ था। अखिलेश और मुलायम वहां एक साथ पहुंचे। शिवपाल पहले से ही मौजूद रहे। जानकारी होते ही शिवपाल यादव बड़े भाई मुलायम से मिलने उनके घर पहुंचे। करीब एक घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद मुलायम और अखिलेश शादी में आए, लेकिन अखिलेश के आने से पहले शिवपाल पंडाल छोड़कर वापस जा चुके थे।