अजीत पवार के बेटे बोले- हम एक लिबरल पार्टी, भाजपा-शिवसेना के साथ होने के कारण नहीं बदलेंगे ?

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में अब से चंद दिन बचे हैं. इस बीच एनसीपी अजीत पवार गुट और भाजपा के बीच तकरार बढ़ गई है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को पिछले दिनों दी गई नसीहत के बाद अब एनसीपी की ओर से भी इसका जवाब आ गया है. एनसीपी नेता अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी एक लिबरल पार्टी है. उसकी विचारधारा वही है जो पहले थी. केवल भाजपा और शिवसेना के साथ गठबंधन में शामिल होने भर से पार्टी नहीं बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में पहले भी अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता मिलती थी और अब भी मिलेगी.

एक कार्यक्रम में खास बातचीत में पार्थ पवार ने तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने बारामती के माहौल के बारे में बात की. बारामती विधानसभा सीट से उनके पिता अजीत पवार और उनके चचेरे भाई योगेंद्र पवार के बीच टक्कर है. बीते लोकसभा चुनाव में अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के बीच टक्कर थी. पार्थ पवार ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में उनकी मां को उतारना ठीक नहीं था. लेकिन, पार्टी ने उनको मैदान में उतारा इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ा. उस वक्त जनता ने इमोशनल होकर वोटिंग की और कहा कि वह लोकसभा में शरद पवार साहब और विधानसभा में अजीत पवार का समर्थन करेगी.

जनता समझदार

पार्थ पवार ने कहा कि अब जनता व्यवहारिक हो गई है. वह जानती है कि बारामती का विकास कौन कर सकता है. यहां की सड़कें, सिंचाई की व्यवस्था, ग्रीन लैंड, कारखाने, उद्योग हर चीज का विकास केवल और केवल अजीत पवार के नेतृत्व में हो सकता है. उन्होंने कहा कि आज बारामती की तुलना आसपास की सभी सीटों से की जाती है. यहां ग्लोबल ब्रांड हैं. हम यहां एयरपोर्ट बनाना चाहते हैं. हमारी पहली प्राथमिकता इलाके के सूखे वाले क्षेत्र में पानी पहुंचाना है.

उन्होंने कहा कि पार्टी की कोर विचारधारा नहीं बदली है. भाजपा की केंद्र में सरकार है. ऐसे में हमारे लिए उसके साथ काम करना आसाना हो जाता है. वर्ष 2009 में भाजपा की ओर से अजीत पवार को ऑफर मिला था कि वह शिवसेना के साथ मिलकर अपनी सरकार बना लें. लेकिन क्या दादा ने उस वक्त वो ऑफर लिया, अगर ऐसा हुआ होता तो आज चीजें काफी अलग होती. पार्थ पवार ने कहा कि अपने लोगों पर हमें पूरा भरोसा है. हमने इस इलाके के विकास पर 90 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हर कोई जानता है कि कौन व्यवहारिक व्यक्ति है और किसका भविष्य है.