कर्नाटक के संकट के बाद MP और राजस्थान में भी बढ़ी कांग्रेस की चिंता

कर्नाटक में गठबंधन सरकार (Karnataka Crisis) बचाने की कवायद के बीच कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Government) और राजस्थान सरकारों (Rajasthan Government) को सतर्क रहने की हिदायत दी है। पार्टी का कहना है कि अन्य प्रदेशों में भी विधायकों से इस्तीफा दिलाकर सरकार अस्थिर करने का प्रयास हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व प्रदेश कांग्रेस को एहतियात बरतनी चाहिए।

कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) की गठबंधन सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि जिस तरह एक के बाद एक विधायक इस्तीफा दे रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस के लिए गठबंधन सरकार बचाना मुश्किल होता जा रहा है।

पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की स्थिरता को लेकर भी चिंतित है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। कांग्रेस के आठ-दस विधायक भी इस्तीफा देते हैं, तो भाजपा आसानी से बहुमत के आंकड़े के पास पहुंच जाएगी। विधानसभा की 230 सीट में कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 109 विधायक हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ को बसपा के दो व सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है।

राजस्थान में कांग्रेस को ज्यादा चिंता नहीं है पर पार्टी जोखिम नहीं उठाना चाहती। इसलिए पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा है कि वह विधायकों के साथ सरकार का समर्थन कर रहे बसपा और निर्दलीय विधायकों से संपर्क में रहें।