देश में सुर्खियों में आई सरयू एक्सप्रेस में महिला कांस्टेबल के साथ हुई बर्बरता के बाद अयोध्या रेंज पुलिस और STF ने 1 बदमाश का एनकाउंटर कर दिया। 2 अन्य घायल होने के बाद गिरफ्तार हुए। शुक्रवार को खुद स्पेशल डीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की।
सवाल उठे कि आखिर महिला कांस्टेबल खून से लथपथ कैसे मिली? उसके साथ क्या हुआ? जिसकी वजह से उसके चेहरे पर 47 से ज्यादा टांके लगे हुए हैं? बता दें कि इस वक्त महिला कांस्टेबल का केजीएमयू में इलाज चल रहा है। वह 12 दिनों से होश में नहीं हैं।
मुठभेड़ के बाद पकड़े गए बदमाशों ने पुलिस को एक्सप्रेस की उस बोगी में महिला कांस्टेबल के साथ हुई बबर्रता की कहानी सुनाई। 37 मिनट में
30 अगस्त की रात महिला कांस्टेबल ने मनकापुर स्टेशन पर सरयू एक्सप्रेस में सवार हुईं थीं। जिस बोगी में वो बैठी, उसमें ज्यादा सवारी नहीं थीं। पकड़े गए आरोपी विशंबर और आजाद ने पुलिस को बताया कि हम लोग अनीश के साथ इस बोगी में चोरी के इरादे से चढ़े थे। रात के वक्त बोगी में एक महिला को अकेले देखकर हमने तय किया कि इसको लूटेंगे। बोगी में अंधेरा था, वो पुलिस वाली है. ये हम नहीं जान पाए। महिला कांस्टेबल बर्थ पर लेटी हुई थी। सिर के नीचे तकिया की तरह अपना बैग रखा हुआ था।
उन्होंने बताया कि हमने पहले बैग छीना। इस पर महिला सिपाही खड़ी हो गई और उसने अनीश के गाल पर तमाचा मार दिया। इसके बाद हम लोगों ने उस पर हमला कर दिया। हमने महिला सिपाही का सिर सबसे पहले कर ट्रेन के डिब्बे की सीट पर लड़ा दिया। महिला सिपाही घायल हो गई। महिला सिपाही ने एक बदमाश को लात मारी। इससे बौखलाए दूसरे बदमाश ने महिला कांस्टेबल के चेहरे पर ब्लेड मार दिया। कांस्टेबल खुद को बचाने के लिए गेट की तरफ भागी थी।
हमने सोचा कि क्यों न इसको सरयू नदी में फेंक दिया जाए। हम आगे बढ़े, लेकिन महिला सिपाही ने फिर लात मार दी। जिससे हमारा एक साथी बोगी के गेट पर ही गिर पड़ा। इसके बाद हम कांस्टेबल को घसीटकर डिब्बे के अंदर तक लेकर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि वो इस दौरान खुद को बचाने का प्रयास कर रही थी। हमने सोचा कि हम हमें इस बोगी को छोड़ देना चाहिए। हम महिला कांस्टेबल को छोड़कर गेट की तरफ बढ़े, लेकिन अब महिला कांस्टेबल हमारे पीछे हमला करते हुए आ गई। हम लोग पलटे और उस पर चाकू से हमला किया। इसमें उसकी वर्दी फट गई। महिला कांस्टेबल खून से लथपथ सीट पर जाकर गिर गई। इसके बाद हमने चाकू से उसके कपड़े पूरी तरह से फाड़ दिए। कबूलनामा में बदमाशों ने बताया कि ऐसा इसलिए किया, ताकि वो हमारा पीछा न कर सके। इसके बाद हम बोगी से उतर गए।
एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मरे गए बदमाश अनीश पर छह मुकदमे दर्ज हैं। स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाश अनीश के अलावा आजाद के ऊपर 12 मुकदमे और विशंबर पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। अनीश जिस गांव का रहने वाला है। वहां ज्यादातर लोग ट्रेनों में लूटपाट और कसाई का काम करते हैं। 16 साल की उम्र से ही अनीश अपराध की घटनाएं करने लगा।
अनीश के अलावा आजाद का अयोध्या जिले में बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। आजाद पर 12 मुकदमे दर्ज हैं। 307 से लेकर अपहरण और छेड़छाड़ जैसे मामले आजाद के ऊपर दर्ज हैं। विशंबर दयाल के तीन मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस की जांच में यह जानकारी मिली है कि मुठभेड़ में मारे गए अनीश ने 16 साल की उम्र में हिंदू लड़की से शादी की थी। इस मामले में अनीश जेल भी गया था। 2017 में अनीश के ऊपर अयोध्या के हैदरगंज थाना में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। अनीश के ऊपर एससी-एसटी के दो मुकदमे दर्ज हैं। अनीश हैदरगंज क्षेत्र के गांव का रहने वाला है।
स्पेशल डीजी उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने बताया कि पूरी घटना के खुलासे में सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका रही। आईजी रेंज अयोध्या के नेतृत्व में अयोध्या, गोंडा और जीआरपी की पुलिस की टीम लगातार काम कर रही थी। बदमाशों तक पहुंचाने के लिए 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल गए।
संदिग्ध फुटेज में मिले बदमाशों की पहचान महिला सिपाही के द्वारा कराई गई। इसके बाद अयोध्या पुलिस की टीम ने सर्विलांस की मदद से अनीश की लोकेशन ट्रैस की। पूरे घटनाक्रम में आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने 18 टीमों और एसटीएफ की मदद से पूरे घटना का खुलासा किया है।
मनकापुर स्टेशन में दो संदिग्ध बदमाशों की फुटेज बीते 18 सितंबर को सामने आई थी। सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति बैग टांगे हुए मनकापुर रेलवे स्टेशन से बाहर निकल रहे थे। एक व्यक्ति उसमें से लंगड़ा के चल रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वह सीसीटीवी फुटेज इसलिए सामने लाया गया बदमाशों को ये विश्वास हो जाए कि उनके उन तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। पूछताछ में सामने आया कि सीसीटीवी में नजर आए दोनों संदिग्ध व्यक्ति शिक्षक थे। रक्षाबंधन मनाने अपने घर गोंडा जिले पहुंचे थे।