मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र की ओर से सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई ‘अग्निपथ’ स्कीम का विरोध करते हुए रविवार को कहा कि सरकार को इस योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। मलिक ने कहा कि छह महीने तक जवान ट्रेनिग लेगा, छह महीने की छुट्टी और तीन साल की नौकरी करने के बाद जब वह घर लौट आएगा तो उसकी शादी भी नहीं होगी।
रविवार को यूपी के बागपत के खेकड़ा में में शिक्षक नेता गजे सिंह धामा की मौत के बाद उनके आवास पर मलिक शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचे थे। बाद में मीडिया से बातचीत में राज्यपाल मलिक ने कहा कि अग्निपथ योजना जवानों के खिलाफ है, यह उनकी उम्मीदों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्होंने किसानों की बात रखी थी और अब जवानों की बात रख रहे हैं।
आप पद से इस्तीफा देकर किसानों और युवाओं के बीच में आकर बैठते और मुखर होते तो ज्यादा असर पड़ता? इस सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘मैं आप जैसे सलाहकारों के चक्कर में पड़ता तो यहां तक पहुंचता ही नहीं। फिर उन्होंने आगे कहा कि कुर्सी छोड़ दूंगा एक मिनट में अगर जिसने मुझे बनाया है वह कह दे।’ मलिक जम्मू-कश्मीर के उपराज्यल भी रह चुके हैं।
भविष्य की योजना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मेरा इरादा राजनीति करने और चुनाव लड़ने का नहीं है। किसानों और जवानों के लिए जहां जरूरत होगी संघर्ष करुंगा। मलिक ने कहा कि वह कश्मीर पर किताब भी लिखेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या रिटायरमेंट होने के बाद केन्द्र सरकार के खिलाफ खुलकर आंदोलन की अगुवाई करेंगे? मलिक ने कहा कि बात सरकार के विरोध की नहीं है, मैं जो मुद्दा उठा रहा हूं, वह अगर मान लिया जाये तो वह सरकार के पक्ष की ही बात होगी।