राइट हैंड बैटर सरफराज खान ने टीम इंडिया के लिए ड्रीम डेब्यू करने के बाद कहा कि अपने पिता के सामने भारत के लिए खेलना मेरा सपना था। सरफराज ने इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार से शुरू हुए तीसरे टेस्ट में भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने डेब्यू टेस्ट में अर्धशतकीय पारी खेली।
मैच के पहले दिन स्टंप्स के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “पहली बार मैदान पर आना और अपने पिता के सामने कैप (भारतीय टीम की) लेना। मैं छह साल का था जब अब्बू ने क्रिकेट की मेरी ट्रेनिंग शुरू की। यह मेरा सपना था कि उनके सामने भारतीय टीम के लिए खेलूं।”
उन्होंने आगे कहा, “पहले मेरे अब्बू स्टेडियम आने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन कुछ लोगों ने उनसे रिक्वेस्ट किया कि उन्हें जाना चाहिए। उन्हें बिल्कुल आना चाहिए था क्योंकि उन्होंने इसी दिन के लिए इतनी कड़ी मेहनत की थी और वह इस खास पल का गवाह बनने पहुंचे भी। मेरे ऊपर से थोड़ा सा बोझ हट गया, जो उन्होंने मेहनत की थी इतने सालों से मैंने उसे खराब नहीं होने दिया।”
सरफराज ने कहा, “क्रीज पर उतरने के बाद मैं शुरुआती कुछ ओवर नर्वस था लेकिन मैंने इतना ज्यादा प्रैक्टिस और कड़ी मेहनत की है कि सब कुछ सही रहा। रन और परफॉर्मेंस को लेकर मेरे दिमाग में ऐसा कुछ चल नहीं था कि रन होंगे या नहीं होंगे। बस मुझे बहुत खुशी हो रही कि मैं अपने पिता के सामने भारत के लिए डेब्यू किया।
भारत के लिए खेलना मेरे पिता का सपना था लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। तब घर से उतना सपोर्ट नहीं मिला। उन्होंने मेरे ऊपर कड़ी मेहनत की और अब मेरे भाई के साथ ऐसा ही कर रहे हैं। यह मेरे जीवन का सबसे प्राउड मोमेंट है।”
सरफराज ने कहा, “मैं ड्रेसिंग रूम में लगभग चार घंटे तक पैड बांधकर बैठा रहा। मैं सोच रहा था कि मैंने जीवन में इतना धैर्य रखा और कुछ और देर धैर्य रखने में कोई दिक्क्त नहीं है।”
टीम इंडिया के लिए अपना डेब्यू टेस्ट खेल रहे सरफराज खान ने 66 बॉल पर 62 रन की पारी खेली। रवींद्र जडेजा के साथ कनफ्यूजन के चलते सरफराज खान रनआउट हो गए। 82वें ओवर की पांचवी बॉल पर मिड ऑन की ओर शॉट खेलने के बाद जडेजा रन लेने के लिए आगे आए, वहीं, सरफराज भी दूसरे छोर से दौड़ पड़े। जडेजा ने सरफराज को रन लेने के लिए मना किया, लेकिन जैसे ही सरफराज क्रीज की ओर वापस आ रहे थे, वुड ने डायरेक्ट थ्रो कर उन्हें रनआउट कर दिया।
रनआउट वाली बात पर सरफराज ने कहा, “यह खेल का हिस्सा है। क्रिकेट में कभी-कभी रनआउट होता है और कभी-कभी आपको रन मिलते हैं।”