कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और ऐसा करना असंवैधानिक होगा। सिब्बल का बयान आने के बाद पार्टी के एक और दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी राय रखी है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, यदि सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता है तो यह कानून की किताब पर रहेगा। अगर कानून की किताब पर कुछ भी है, तो आपको कानून का पालन करना होगा। जहां तक इस कानून का संबंध है तो यह एक ऐसा मामला है जिसमें राज्यों के केंद्र के साथ बहुत गंभीर मतभेद हैं इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए अंतिम फैसले की प्रतीक्षा करेंगे। पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट तय करेगा और तब तक सब कुछ अस्थायी है।
दरअसल, केरल सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) का विरोध किया है।
वरिष्ठ वकील और नेता ने समझाया कि जब राज्य यह कहते हैं कि वह सीएए को लागू नहीं करेंगे तो उनका क्या मंतव्य होता है और वह ऐसा कैसे करेंगे। राज्यों का कहना है कि वे राज्य के अधिकारियों को भारत संघ के साथ सहयोग नहीं करने देंगे। एनआरसी, एनपीआर पर आधारित है और एनपीआर को स्थानीय रजिस्ट्रार लागू करेंगे। अब गणना जिस समुदाय में होनी है वहां से स्थानीय रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाने हैं और वे राज्य स्तर के अधिकारी होंगे।