पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बातचीत के जरिए संबंधों को सुधारने के बयान के बाद अब विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है। हम सभी मसलों को द्विपक्षीय रूप से शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। मालूम हो कि बुधवार को श्रीलंका में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत के साथ एक मात्र कश्मीर को लेकर ही विवाद है जिसको बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। इमरान ने कहा था कि 2018 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने भारत के साथ शांति वार्ता का प्रस्ताव किया था।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह भी बताया कि सरकार भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के जल्द प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ संपर्क करेगी। बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर नीरव मोदी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया है। ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि प्रारंभिक नजर में जालसाजी और धन शोधन का मामला बनता है। यह आदेश अब ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को भेजा जाएगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि कनाडा में भारतीय समुदाय के कुछ लोगों को धमकियां मिलने की रिपोर्टें मिली हैं। ये धमकियां कनाडा में बैठे कुछ अराजक तत्वों से आई हैं। हमनें इन शिकायतों को कनाडा के अधिकारियों के सामने ओटावा और दिल्ली दोनों में साझा किया है। हमने कनाडा के अधिकारियों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है। हम भारतीय नागरिकों को सलाह देते हैं कि वे ऐसी किसी भी घटना की स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करें और वहां के वाणिज्य दूतावास से भी साझा करें…
श्रीवास्तव ने अपनी नियमित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जहां तक पाकिस्तान का सवाल है भारत इस पड़ोसी देश के साथ संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है। हम सभी मसलों को द्विपक्षीय रूप से शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत पाकिस्तान के साथ एक सामान्य पड़ोसी देश जैसा रिश्ता चाहता है। जहां तक पाकिस्तान के साथ दूसरे मुद्दों का सवाल है तो हमारी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
मालूम हो कि श्रीलंका में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि मैंने सत्ता में आने के तुरंत बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्षेत्रीय मसलों पर बात करने की कोशिश की थी लेकिन मुझे इसमें सफलता नहीं मिली। इमरान ने यह भी कहा था कि मुझे उम्मीद है कि एक न एक दिन ऐसा होगा।
अनुराग श्रीवास्तव ने यह भी दोहराया कि एलएसी से टकराव के बिंदुओं से सेनाओं की वापसी के समझौते में भारत सरकार ने अपने किसी भी भूभाग को खोया नहीं है। इस समझौते में भारत की संप्रभुता और अखंडता से किसी तरह का समझौता नहीं किया है। मालूम हो कि हाल ही में भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 16 घंटे चली बैठक में सैन्य गतिरोध खत्म करने को लेकर गहन बातचीत हुई थी। इसमें दोनों देशों ने एलएसी के दूसरे अग्रिम मोर्चो से टकराव खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमति जताई है।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ