कोरोना वायरस के नए और अत्यधिक संक्रामक माने जा रहे ओमिक्रोन वैरिएंट का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब यह फ्रांस और जापान तक पहुंच गया है और दोनों देशों में इसके पहले मामले की पुष्टि हुई है। दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन के पहले मामले की पुष्टि होने से हफ्ते भर पहले ही यह वैरिएंट पुर्तगाल पहुंच गया था। इससे बढ़ते खतरे के बीच दुनियाभर के देश जहां इसके के प्रसार को सीमित करने के तरीके ढूंढ़ने में लगे हैं, वहीं विज्ञानी यह अध्ययन करने में लगे हैं कि आखिर ओमिक्रोन कितना खतरनाक हो सकता है।
फ्रांस सरकार के प्रवक्ता गैब्रियल अट्टल ने ‘यूरोप 1 रेडियो स्टेशन’ के साथ एक साक्षात्कार में हिंद महासागर स्थित फ्रांसीसी द्वीप क्षेत्र ‘रीयूनियन’ में वायरस के नए स्वरूप का पहला मामला सामने आने की पुष्टि की। यहां ओमिक्रोन से संक्रमित पाया गया 53 वर्षीय व्यक्ति मोजाम्बिक की यात्रा पर गया था और ‘रीयूनियन’ लौटने से पहले दक्षिण अफ्रीका में रुका था। उसे आइसोलेशन में रखा गया है और उसे मांसपेशियों में दर्द तथा थकान की शिकायत है।
जापान सरकार के एक प्रवक्ता ने भी मंगलवार को कहा कि रविवार को नरिता हवाई अड्डे पर पहुंचा एक यात्री ओमिक्रोन से संक्रमित पाया गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह यात्री नामीबिया से लौटा था। जापान ने कोरोना के नए वैरिएंट के प्रसार को रोकने के आपातकालीन प्रयासों के तहत एक दिन पहले सभी विदेशी यात्रियों के आगमन पर रोक लगा दी थी।
नीदरलैंड के स्वास्थ्य प्रशासन ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि होने से पहले ही यह देश में पहुंच गया था। नीदरलैंड में 19 और 23 नवंबर को जिन संक्रमितों के नमूने लिए गए थे, उनमें ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रोन का पहला मामला मिलने की पुष्टि की थी
पुर्तगाल ने स्थानीय स्तर पर ओमिक्रोन वैरिएंट फैलने की जांच शुरू कर दी है। वहां एक फुटबाल क्लब के 13 सदस्य ओमिक्रोन से संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ एक सदस्य ही अफ्रीकी देशों से लौटा था।
कंबोडिया ने वायरस के नए स्वरूप के जोखिम के चलते 10 अफ्रीकी देशों से यात्रियों के अपने यहां आने पर रोक लगा दी। नामीबिया ने अभी दो हफ्ते पहले ही कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि विज्ञानी वायरस के नए स्वरूप के बारे में ठीक जानकारी पता लगाने के काम में लगे हैं, लेकिन देशों को अपना टीकाकरण अभियान तेज करना चाहिए। कानूनी रूप से बाध्यकारी ‘महामारी समझौते’ पर विचार करने के लिए डब्ल्यूएचओ की जेनेवा में विशेष बैठक हो रही है। इस समझौते यह प्रविधान होगा कि किसी नए वायरस या महामारी की आशंका सामने आने पर सभी सदस्य देश तुरंत एक दूसरे को इसके प्रति सावधान करेंगे और बचाव व रोकथाम के उपायों को भी एक दूसरे के साथ साझा करेंगे।
अमेरिका में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने सभी वयस्कों के लिए कोरोना टीके की बूस्टर डोड देने की सिफारिश की। सीडीसी ने पहले 50 साल या 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों या फिर दीर्घकालिक देखभाल में रह रहे लोगों को ही यह डोज देने की सिफारिश की थी। ब्रिटेन भी सभी वयस्कों को बूस्टर डोज देने की मंजूरी दे चुका है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने उम्मीद जताई है कि बूस्टर डोज से ओमिक्रोन से सुरक्षा मिलेगी।
यूरोपीय संघ की स्वास्थ्य एजेंसी (ईएमए) ने कहा है कि वह कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ नई वैक्सीन को तीन से चार महीने में मंजूरी दे सकती है, लेकिन मौजूदा वैक्सीन भी ओमिक्रोन से सुरक्षा प्रदान करती रहेंगी। हालांकि, अमेरिकी दवा कंपनी माडर्ना के सीईओ स्टीफेन बैंसल ने कहा है कि मौजूदा वैक्सीन का डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ प्रभाव कम हो सकता है। उनके इस बयान के बाद यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट आई है। जापान का निक्की शेयर बाजार भी 1.6 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ है कच्चे तेल के वायदा बाजार में भी तीन प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।