धर्मपरिवर्तन के बाद लड़कियां पत्नियां बनती हैं, बेटियां या बहनें क्यों नहीं? :आदर्श कुमार

पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और धर्म परिवर्तन पर पाकिस्तान के हिंदू भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.

सिंध की दो नाबालिग़ हिंदू लड़कियों और उनके पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.

मामला गुरुवार का है लेकिन रविवार को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्वीट के बाद ये और सुर्ख़ियों में आया.

पाकिस्तान में लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आख़िर कम उम्र की हिंदू लड़कियां ही क्यों इस्लाम से प्रभावित होकर धर्म परिवर्तन करती हैं?

यहां के पत्रकार कपिल देव ने सवाल किया है, “आख़िर नाबालिग़ हिंदू लड़कियां ही इस्लाम से क्यों प्रभावित होती हैं? क्यों उम्रदराज़ मर्द या औरतें इससे प्रभावित नहीं होते? क्यों धर्मपरिवर्तन के बाद लड़कियां केवल पत्नियां बनती हैं, बेटियां या बहनें नहीं बनतीं?”

कहा जा रहा है कि इन लड़कियों को पाकिस्तान में सिंध प्रांत के घोटकी ज़िले से अग़वा किया गया था.

लड़की के भाई और पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें वो अपना दर्द बयां कर रहे हैं.

दूसरी तरफ़ एक वैसा वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है जिसमें वो अपनी इच्छा से इस्लाम स्वीकार करने की बात कह रही हैं.

पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फ़व्वाद हुसैन ने ट्वीट कर बताया है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पंजाब और सिंध की सरकारों को जांच के लिए कहा है.

पाकिस्तान में ट्विटर पर #StopForcedConversions का हैश टैग भी वायरल हो रहा है.

यहां के हिंदू समुदाय के लोग ज़बर्दस्ती धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग कर रहे हैं.

हिंदू समुदाय से आने वाले पाकिस्तान के ब्लॉगर मुकेश मेघवार ने ट्वीट किया है, “16 साल की उम्र में मलाला किताब नहीं लिख सकतीं लेकिन 12 और 14 साल की हिंदू लड़कियां इस्लाम क़ुबूल कर सकती हैं?

मुर्तज़ा सोलांगी ने भी सवाल किया है, “क्यों नाबालिग़ हिंदू लड़कियां ही इस्लाम क़ुबूल करती हैं और उन्हें तुरंत पति मिल जाता है? भाई क्यों नहीं मिलता? उन्हें हिंदू लड़के या बड़ी उम्र के लोग क्यों नहीं मिलते? इस पर सोचिए, इसे समझना बहुत मुश्किल भी नहीं.”

पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार और आम लोगों ने भी इस तरह की घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त किया है.

पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता ज़ैनब बलोच ने दोनों लड़कियों का एक वीडियो ट्वीट किया है.

इसमें एक लड़की रोते हुए बता रही है कि जिन लड़कों से उनका निकाह कराया गया, वो उन्हें और उनके घर वालों को मारते-पीटते हैं.

बलोच लिखती हैं, “मुल्तान की दो असहाय हिंदू लड़कियां, जिनका कथित रूप से अपहरण किया गया. ख़ुद को कट्टरपंथियों से बचाए जाने की गुहार लगा रही हैं. रीना और रवीना का सिंध में अपहरण और धर्म परिवर्तन के बाद ये ख़बरें आई हैं.”

इस ख़बर पर अभी हंगामा मचा ही हुआ है कि सिंध से एक और हिंदू लड़की के अपहरण और धर्मपरिवर्तन की ख़बरें पाकिस्तानी मीडिया में आई हैं.

पत्रकार बिलाल फ़ारुक़ी ने ट्वीट किया है, “एक और हिंदू लड़की सोनिया भील का सिंध में अपहरण कर लिया गया. ये तब हुआ है जब हाल ही में दो हिंदू लड़कियों रीना और रवीना के अपहरण और धर्म परिवर्तन की ख़बरें सुर्खियों में हैं. ये सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में क्यों असफल साबित हो रही है?”

लेकिन ट्वीट पर कुछ पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स ने भारत में अल्पसंख्यकों की हालत पर भी सवाल खड़े किए हैं.

भारत में होली के दिन दिल्ली के पास गुरुग्राम में एक मुस्लिम परिवार की कुछ गुंडों ने घर में घुस पर पिटाई की थी, जिस पर काफ़ी हंगामा मचा हुआ है.

ट्विटर यूज़र अमीर तैमूर ख़ान ने लिखा है, “मिस्टर चौकीदार सुषमा स्वराज आपने दो हिंदू लड़कियों के अपहरण के बारे में पूछा है और हमने जवाब दे दिया. अब आप दिल्ली में मुस्लिम परिवार की बेरहमी के साथ जानवरों की तरह पिटाई के बारे में हमें बताएंगी?”

अंग्रेज़ी अख़बारों की सुर्खि़यां

उधर, पाकिस्तानी अख़बारों ने भी हिंदू लड़िकियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की ख़बर को सुर्खि़यां बनाई हैं .

पाकिस्तान के चुनिंदा अंग्रेज़ी अख़बारों ने इसे टॉप स्टोरी बनाया है. लगभग सभी अख़बारों ने अपने पहले पन्ने की इसे लीड बनाया है.

द डॉन अख़बार ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की ओर से जांच के आदेश दिए जाने की ख़बर प्रमुखता से प्रकाशित की है.

अख़बार ने लिखा है, ‘पीएम ने पंजाब और सिंध की सरकारों को कथित अपहरण और जबरन धर्मांतरण मामले की जांच के आदेश दिए.’

लड़कियों और उनके पिता के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ये मामला सुर्खि़यों में आया.

ख़बर में लिखा है, ‘हालांकि लड़कियों का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें वो कह रही हैं कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्लाम धर्म स्वीकार किया है. ‘

एक अन्य अंग्रेज़ी अख़बार ‘द नेशन’ ने भी जांच के आदेश की ख़बर को अपने पहले पन्ने पर छह कॉलम में जगह देते हुए बैनर बनाया है.

अख़बार के अनुसार, ‘पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के मुखिया ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए भारत को अपने काम से काम रखने की हिदायत दी है.’

भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग से इस मामले की पूरी जानकारी मांगी है

इसके अलावा भारत ने आधाकारिक रूप से पाकिस्तान को ठोस कार्रवाई करने करने को कहा है.

‘द न्यूज़’ अख़बार ने भी इस घटना को शीर्ष ख़बरों में लिया है.

हालांकि उर्दू अख़बारों ने इस ख़बर को उतनी प्रमुखता से नहीं छापा.

और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के बयान के बाद ही एक्सप्रेस, जंग, नवा-ए-वक़्त और दुनिया जैसे प्रमुख उर्दू अख़बारों ने उसको छापना शुरू किया है.

लेकिन ज़्यादातर अख़बार इसे दो लड़कियों का अपनी मर्ज़ी से इस्लाम स्वीकार करने और फिर अपनी पसंद से शादी करने का मामला बताने की कोशिश कर रहे हैं.

सारे अख़बार एक वीडियो का हवाला दे रहे हैं जिसमें दोनों लड़कियां कह रही हैं कि उन्होंने अपनी ख़ुशी से इस्लाम धर्म अपनाया है और फिर अपनी पसंद के लड़के से निकाह किया है.

अख़बार जंग ने सोमवार को इसे अपने पहले पन्ने पर छापा है. अख़बार ने सुर्ख़ी लगाई है, ‘हिंदू लड़कियों की मर्ज़ी से शादी करने की सूचना’.

अख़बार लिखता है कि दोनों लड़कियों ने लाहौर हाइकोर्ट के बहावलपुर बेंच में इस्लाम क़ुबूल करने के बाद सुरक्षा दिए जाने की अपील की है.

अख़बार दुनिया ने इसे पहले पन्ने पर छापा है लेकिन कहानी में सिर्फ़ ये कहा गया है कि दो हिंदू नाबालिग़ लड़कियों के अग़वा किए जाने पर इमरान ख़ान ने सिंध और पंजाब प्रांतीय सरकारों से फ़ौरन कार्रवाई करने को कहा है.

नवा-ए-वक़्त ने इस पूरे मामले को सिर्फ़ कुछ लाइनों में सीमित कर दिया है. वो भी सिर्फ़ इमरान ख़ान के बयान का ज़िक्र है.

पूरी रिपोर्ट में जबरन धर्म परिवर्तन या शादी से जुड़ी कोई बात नहीं है. तक़रीबन पूरी उर्दू मीडिया इस बात को साबित करने पर लगी है कि लड़कियों ने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम धर्म स्वीकार किया है और फिर अपनी मर्ज़ी से शादी की है.

हालांकि पुलिस ने निकाह पढ़वाने वाले मौलवी, गवाह और शादी में मदद करने वाले एक व्यक्ति समेत कुल तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है.