लखनऊ में रिटायर्ड IPS डीके शर्मा ने दाहिनी कनपटी से सटाकर लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, ये गोली बाईं कनपटी को चीरती हुई निकल गई। गोली लगने से ज्यादा खून बह बहना उनकी मौत का कारण बना। पूर्व DG डीके शर्मा ने मंगलवार सुबह कुर्सी पर बैठकर खुद को गोली मारी थी। जहां उनके सामने टेबल पर लेटर पैड और पेन रखा था। जिसमें अंग्रेजी में सुसाइड नोट में दिनेश कुमार शर्मा ने बीमारी से परेशान होकर खुदकुशी करने की बात लिखी थी।
वर्ष 2010 में DG पद से रिटायर दिनेश कुमार शर्मा ने पहली मंजिल पर स्थित कमरे में गोली मारी थी। घटना के वक्त घर में लखनऊ विश्वविद्यालय से रिटायर लेक्चरर पत्नी नीता शर्मा और बेटा अरिंजय शर्मा थे। अरिंजय कानपुर से बीटेक करने के बाद USA की एक कम्पनी में नौकरी करने लगे हैं। आजकल वर्क फ्राम होम पर होने के चलते लखनऊ में थे
बेटे अरिंजय ने पुलिस को बताया कि मेरे पिता सुबह करीब 6 बजे करीब उठे थे। रोज की तरह टहले, फिर पहली मंजिल पर बने कमरे में चले गए थे। जहां उन्होंने खुद को गोली मार ली। उन्होंने बताया कि उनकी बहन परिवार के साथ नीदरलैंड में रहती हैं। उनके आने के बाद बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वर्ष 1975 बैच के IPS अधिकारी दिनेश कुमार शर्मा SSP देहरादून, SSP रुद्र प्रयाग, IG गोरखपुर, IG बरेली, ADG सुरक्षा, DG ट्रेनिंग और DG पुलिस आवास निगम जैसे अहम पदों पर रह चुके थे। आजकल रिटायर पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी थे। रिटायर DGP सुलखान सिंह और जावीद अहमद ने उनके घर पहुंच श्रद्धांजलि दी।
पूर्व DG डीके शर्मा के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उन्होंने अपनी बीमारी को सुसाइड की वजह बताया है। लिखा है “मैं सुसाइड कर रहा हूं। मैं एनजाइटी से परेशान हूं। मैं अपनी ताकत और हेल्थ को खो रहा हूं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।” सुसाइड नोट के आखिरी में उन्होंने अंग्रेजी में अपना नाम लिखा। आज की तारीख लिखी और फिर सिग्नेचर भी किए। इसके ऊपर ही उन्होंने वह पेन रख दिया, जिससे उन्होंने इस नोट को लिखा था। यह नोट कमरे की टेबल पर एक राइटिंग पैड में लिखा मिला।
डीके शर्मा के सुसाइड की खबर मिलते ही पुलिस विभाग के सीनियर ऑफिसर मौके पर पहुंच गए। ADG (सुरक्षा) विनोद कुमार सिंह भी घर पहुंचे। उन्होंने कहा,”मेरा डीके शर्मा से 25 साल पुराना संबंध है। वह गोरखपुर में IG जोन हुआ करते थे। तभी से मेरे अभिभावक की तरह संबंध रहे हैं। 90 के दशक से क्रिकेट टीम से जुड़े थे। वो कमेंट्री भी करते थे। बहुत जिंदादिल इंसान रहे हैं। उनके सुसाइड पर विश्वास नहीं हो रहा। वह 1975 बैच के अफसर रहे हैं। DG रैंक से रिटायर हुए थे।”