7 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस और सपा साथ आ गए, 17 सीटें पाकर जहां कांग्रेस गदगद है। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भी सुर बदल गए

देश के सबसे बड़े चुनावी राज्य यूपी में 7 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस और सपा साथ आ गए हैं। 17 सीटें पाकर जहां कांग्रेस गदगद है। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भी सुर बदल गए हैं। जहां पहले वह किसी भी हाल में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। वहीं, अब उन्होंने यात्रा में शामिल होने की हामी भर दी है।
वैसे इस पूरी पकथा को लिखने का काम प्रियंका गांधी ने किया है। उन्होंने न सिर्फ अखिलेश और राहुल के बीच बातचीत कराई, बल्कि सीटों की जिद छोड़ने के लिए भी राजी किया। प्रियंका जानती थीं कि अगर सपा से गठबंधन नहीं किया गया, तो पिछले चुनाव की तरह इस बार भी काफी मुश्किल होगी। इसीलिए उन्होंने समझौते की कमान संभाली।
अब अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ मंच साझा करेंगे। भाजपा को शिकस्त देने की कोशिश करेंगे। यह दिखने लगेगा 25 फरवरी यानी रविवार से, जब अखिलेश न्याय यात्रा में शामिल होंगे।
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चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद ही RLD चीफ का ट्वीट आता है- दिल जीत लिया। इसके अलावा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयंत ने कहा- किस मुंह से मना करूं NDA में न जाने से। इसके साथ ही ये साफ हो गया कि जयंत सपा से दूर जा चुके हैं और भाजपा के नजदीक आ चुके हैं।