6 साल बाद राजधानी मे होगा नेशनल लेवल का आयोजन, 70 से ज्यादा टॉप डॉक्टर्स होंगे शामिल,

7 और 8 अक्टूबर को लखनऊ में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी और हेपटोलॉजी एक्सपर्ट्स की कांफ्रेंस होगी। इसमें शामिल होने के लिए देश के कई राज्यों के टॉप मेडिकल एक्सपर्ट्स लखनऊ आएंगे।
इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के यूपी चैप्टर की ओर से आयोजित हो रही ये कार्यशाला पेट और लिवर की गंभीर रोगों और उनके उपचार व बचाव पर केंद्रित होगी। इस दौरान शिरकत करने वाले तमाम एक्सपर्ट अनुभव साझा करने के साथ ट्रीटमेंट और प्रीकॉशन को लेकर भी टिप्स देंगे। इसकी जानकारी KGMU के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी के प्रमुख डॉ सुमित रुंगटा ने दी। वो इस कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी हैं।
यूपी समेत दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के पेट रोग विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। यह डॉक्टर पेट- आंतों की बीमारियों के नए उपचार व बचाव पर अनुभव साझा करेंगे।
कांफ्रेंस में मेदांता गुरुग्राम से डॉ० रणधीर सूद, एम्स नई दिल्ली के गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष अनूप सराया, BHU से डॉ. देवश यादव व प्रो.वीके दीक्षित, SGPGI के डॉ.प्रवीर राय, एआईजी हैदराबाद के डॉ. मोहन राम चन्दानी व डॉ.संदीप लखटकिया, सर गंगाराम हास्पिटल, दिल्ली से डॉ.अनिल अरोरा,जोधपुर से डॉ.सुनील दधीच, कोलकत्ता से डॉ.उदय घोषाल, बैंगलोर से डॉ. एसके याचा और डॉ. एसपी मिश्रा व डॉ.मनीषा द्विवेदी, प्रयागराज से डॉ. संदीप निझावन और जयपुर से विवेक सारस्वत शामिल होंगे।
लंबे समय से किसी के पेट में एसिडिटी और कब्ज की समस्या है। इसका कारण तनाव हो सकता है। केजीएमयू की गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी आने वाले 80 फीसदी मरीजों में कारण तनाव निकल रहा है। तनाव से आंतों की चाल बदलाव होता है। आंतों का दिमाग से संबंध होता है। तनाव से मरीजों में कब्ज की समस्या हो रही है। इसलिए कब्ज और एसिडिटी को इग्नोर नही करें।
आयोजन अध्यक्ष डॉ. पुनीत मेहरोत्रा ने बताया कि तेजी से लोग फैटी लिवर की चपेट में आ रहे हैं। इसकी जद में शराब, पान मसाला और तम्बाकू न खाने वालों की बड़ी संख्या है। अब लोग इसे सामान्य मानने लगे हैं। जबकि लंबे समय तक फैटी लिवर की समस्या से हेपेटाइटिस बी, सी व लिवर सिरोसिस हो सकता है। जो आगे चलकर लोगों में लिवर का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। फैटी लिवर से बचने के लिए मीठा और तला भुनी चीजें भारी मात्रा में लेने से परहेज करें। फैटी लिवर की समस्या होने पर पेट रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। 35 साल की उम्र पार कर चुके लोग खानपान पर नियंत्रण रखें।