महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ‘थप्पड़ मारने’ वाली टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी आमने सामने है. इस टिप्पणी को लेकर बीते दिन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि देर रात उन्हें जमानत मिल गई. लेकिन इस बीच आठ घंटे से ज्यादा समय तक केंद्रीय मंत्री पुलिस की हिरासत में रहे.इससे पहले बीते मंगलवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे के खिलाफ मुंबई समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया और पोस्टरबाजी की. पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में भाजपा कार्यालय में तोड़फोड़ की गयी. वहां लगी कई होर्डिंग को जला दिया गया. मुंबई में केंद्रीय मंत्री के आवास के पास शिवसेना व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राणे के खिलाफ रायगढ़ जिले के महाड के साथ-साथ नासिक और पुणे में मामले दर्ज किये गये हैं.
केंद्रीय एमएसएमइ मंत्री नारायण राणे ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आये थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.’ राणे मुख्यमंत्री के 15 अगस्त के भाषण का हवाला दे रहे थे.
नारायण राणे बीते 20 साल में गिरफ्तार होनेवाले पहले केंद्रीय मंत्री बन गये हैं. इससे पहले दो केंद्रीय मंत्रियों स्वर्गीय मुरासोली मारन और टीआर बालू को चेन्नई पुलिस ने जून 2001 को आधी रात में गिरफ्तार किया था. इन्हें कथित फ्लाइओवर घोटाले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के साथ गिरफ्तार किया गया था. इसे जयललिता की राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया गया था.
केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी पर क्या कहता है कानून:
आपराधिक मामले में केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. सांसद के नाते विशेषाधिकार होते हैं. गिरफ्तारी की जगह और वजह बताते हुए इसकी सूचना सदन के सभापति को देनी होती है. सिविल मामलों में सांसद को सत्र शुरू होने के 40 दिन पहले, सत्र चलने के दौरान और समापन के 40 दिन बाद तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.