प्रवेश समिति ने एल यू में डुअल डिग्री पर लगाई मोहर, UGC से मिला था रिकमेन्डेशन

लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवेश और परीक्षा समिति की बैठक मंगलवार को हुई। प्रवेश समिति की बैठक में एक साथ यूजी और पीजी में दो डिग्री करने (डुअल डिग्री) को विश्वविद्यालय में लागू करने की अनुमति दी गई। साथ ही एमसीक्यू परीक्षा की ओएमआर शीट भी नियमानुसार दिखाने के प्रस्ताव पर मोहर लगी। लिखित परीक्षा की कॉपियों की तरह अब एमसीक्यू आधारित परीक्षाओं की ओएमआर शीट आरटीआई के माध्यम से देखी जा सकेंगी। जिसके लिए 300 रुपए प्रति विषय शुल्क छात्रों को देना होगा। अभी तक ओएमआर शीट दिखाने के लिए कोई नियम नहीं थे।

बीकॉम के परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत के बाद छात्रों को निशुल्क ओएमआर शीट दिखायी गई थी। जिसके बाद अब लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की तरह ही एमसीक्यू पैर्टन पर आधारित परीक्षा की ओएमआर शीट दिखाने के लिए भी नियम बना दिए गए हैं।
यूजीसी द्वारा एक साथ दो डिग्री करने के निर्णय के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति की बैठक में रेगुलर कोर्स के साथ किसी अन्य पाठ्यक्रम करने की अनुमति के प्रस्ताव पर प्रवेश समिति की मंजूरी मिल गई है। जिसके अन्तर्गत स्नातक और परास्नातक में छात्र-छात्राओं के लिए अब रेगुलर कोर्स के कोई अन्य ऑनलाइन कोर्स या ओपेन यूनिवसिर्टी से पाठ्यक्रम कर सकेंगे। दोनों ही कोर्स मान्य ह और छात्र डिग्री का प्रयोग कर सकेंगे।
प्रवेश समिति की बैठक में पीएचडी अध्यादेश में प्रस्तावित संशोधन को लागू करने की स्वीकृति मिली है। विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के लिए पीएचडी कोर्स में 10 फीसदी सुपर न्यूमेरिक सीटों का प्रावधान किया गया है। इस पर वर्तमान शैक्षिक सत्र में ही दाखिला दिया जाएगा। साथ ही ऑनलाइन कोर्स वर्क का विकल्प उपलब्ध होगा। पीएचडी करने के लिए शिक्षकों को अवकाश नहीं लेना होगा।
प्रवेश समिति ने छात्र-छात्राओं के दूसरे विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज में स्थानांतरण के आवेदनों का निस्तारण पूर्व निर्णयों के अनुसार करने करने पर सहमति दी। साथ ही निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण नीति बनाने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
प्रवेश समिति ने सत्र 2023-24 से एम.एस. सी. फूड प्रोसेसिंग एण्ड फूड टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 30 से बढ़ा कर 40 करने पर भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
परीक्षा समिति में पूर्व की भांति थ्योरी आधारित लिखित परीक्षाओं में निर्धारित प्रश्नों की संख्या 10 रखी गयी। जिसमें पांच प्रश्न करने अनिवार्य होंगे। इसके साथ ही अध्ययन मंडल द्वारा संस ऐप पर पढ़े की सूची में सम्बन्धित विषयों के महाविद्यालयों के शिक्षक का आवश्यकतानुसार परीक्षा नियंत्रक को कुलपति से अनुमोदन प्राप्त कर परीक्षक उपलब्ध करायें जायेंगे। राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों को महाविद्यालय में आयोजित प्रायोगिक परीक्षाओं में आतंरिक परीक्षक नियुक्त किया जायेगा।