लोकप्रिय धारावाहिक ‘उड़ान’ से फेम हासिल करने वाली अभिनेत्री कविता चौधरी नहीं रहीं

80-90 के दशक में प्रसारित हुए दूरदर्शन के लोकप्रिय धारावाहिक ‘उड़ान’ से फेम हासिल करने वाली अभिनेत्री कविता चौधरी नहीं रहीं। शुक्रवार को 62 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वह काफी समय से कैंसर से पीड़ित थीं। उनका अंतिम संस्कार अमृतसर में किया गया।
कविता चौधरी का जन्म अमृतसर में ही हुआ था। वह जिंदगी का अंतिम समय अमृतसर में ही गुजारना चाहती थीं। इसलिए, उन्होंने साल 2018 में मन्नावाला में एक घर खरीदा था। तब से वह यहीं रह रही थीं। कैंसर के कारण उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें अमृतसर के पार्वती देवी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इसी अस्पताल में इलाज के दौरान गुरुवार देर रात को कविता चौधरी ने आखिरी सांस ली। कविता चौधरी को उनके भाई कपिल चौधरी ने मुखाग्नि दी। उनके असिस्टेंट अजय ने भी उनका साथ दिया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार भी पहुंचे। कविता के देहांत से बॉलीवुड और फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा धक्का लगा है।
35 साल पहले दूरदर्शन पर एक सीरियल ‘उड़ान’ प्रसारित हुआ था। इसकी कहानी असल घटना पर आधारित थी। इस सीरियल को कविता चौधरी ने अपनी बहन IPS कंचन चौधरी भट्‌टाचार्या से प्रभावित होकर बनाया था। उनकी बहन कंचन देश की दूसरी IPS अधिकारी थीं।
पहली IPS किरण बेदी रहीं। इन दोनों में खास बात थी कि दोनों ही अमृतसर से थीं।
टीवी शो ‘उड़ान’ की कहानी IPS कंचन चौधरी भट्टाचार्या के असल जीवन पर आधारित थी। इस सीरियल को कविता चौधरी ने लिखा, निर्देशित किया और उसमें कल्याणी सिंह के नाम से मुख्य किरदार भी निभाया। मात्र 30 ऐपिसोड वाले इस टीवी शो को जबरदस्त प्रसिद्धि मिली थी। यहीं से लोग कविता चौधरी को भी जानने लगे थे।
कविता ने इसके बाद 2 और सीरियल किए थे। उनमें एक टीवी शो ‘योर ऑनर’ साल 2000 में दूरदर्शन पर दिखाया गया। इसमें कविता कौशल्या के किरदार में दिखी थीं। इसके बाद 2015 में दूरदर्शन पर कविता एक बार फिर धारावाहिक IPS डायरीज में दिखीं। यह एक अपराध आधारित सीरियल था। कविता चौधरी इसकी एंकर थीं।
कविता चौधरी 80 के दशक में एडवर्टाइजमेंट में भी नजर आईं। उन्होंने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के लिए डिटर्जेंट पाउडर का प्रचार किया था। इसका एड टीवी पर प्रसारित हुआ, जिसमें कविता को एक गृहिणी ललिता जी के रूप में दिखाया गया। यह एड काफी लोकप्रिय हुआ और कविता की पहुंच देश के घर-घर तक बन गई थी।