लखनऊ के महानगर आरपी लाइन स्थित उपडाकघर में 59.85 लाख घोटाले की बात विभागीय जांच में सामने आई है। जिसके आधार पर डाकघर पूर्वी उपमंडल के सहायक अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने उप डाकपाल और अन्य अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर साक्ष्यों को लेकर पड़ताल कर रही है।
महानगर इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्रा ने बताया कि डाकघर पूर्वी उपमंडल के सहायक अधीक्षक राजेंद्र सिंह की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। उनका आरोप है कि 14 जनवरी 2021 से 4 फरवरी 2023 के बीच गबन का खेल किया गया। आरोपी उप डाकपाल नीरज सिंह ने कुछ लोगों के साथ मिलकर बचत खातों की रकम को निकाला है। यह लोग जो भी ग्राहक रकम जमा करने जाते थे।
उसकी रकम लेकर नीरज फर्जी पर्ची पर फर्जी मुहर लगाकर उनको दे देता था। उसके बाद रकम अपने से संबंधित खातों में जमा करता गया। ये खेल 50 से अधिक ग्राहकों के खातों से किया गया। जिसमें से कुल 59 लाख 85 हजार रुपए पार किए गए। विभाग की तरफ से दिए गए साक्ष्यों के आधार पर विवेचना की जा रही है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।डाकघर पूर्वी उपमंडल के सहायक अधीक्षक की शिकायत के मुताबिक पुलिस लाइन निवासी रीता कुमारी ने 16 फरवरी को डाकघर के प्रवर अधीक्षक को खाते से पैसे निकलने की शिकायत की।
जांच में सामने आया कि 1.30 लाख रुपए गबन किया गया है। इस जांच को आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि इसी तरह का खेल दर्जनों खातों में करके लाखों की रकम पार की गई है
विभागीय जांच में सामने आया कि नीरज ने अपने खाते(पोस्ट ऑफिस वाले) में अलग-अलग खातों से रकम ट्रांसफर की। बाद में इससे आईसीआईसीआई बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके साथ ही नीरज ने खाताधारकों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर खातों से अवैध निकासी की। साथ ही ग्राहकों के खाते में वह खुद से सह-खाताधारक बन गए। जिससे वह आसानी से रकम इधर से उधर करने लगे।