दिल्ली में 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में मतदान होने है और नई सरकार चुनी जाएगी। दिल्ली चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस इस चुनाव में बैकफुट में नजर आ रही है। पार्टियों और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप के साथ चुनाव प्रचार जोरों पर है। 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे आएंगे, जिससे यह साफ हो जाएगा कि क्या आप दिल्ली पर अपनी पकड़ बनाए रख पाती है या फिर बीजेपी या कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के गढ़ में अपना कब्जा जमा पाएगी। ऐसे में हम आपको दिल्ली विधानसभा चुनाव पर आए दो सर्वे की रिपोर्ट बताने जा रहे हैं?
टाइम्स नाउ जेवीसी पोल के मुताबिक दिल्ली में इस बार आप और भाजपा के बीच करीबी मुकाबला होगा। आम आदमी पार्टी की सीटें इस बार कम हो सकती है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि दिल्ली की महिला वोटर्स ही इस बार खेला करेंगी। महिला वोटर्स से किए गए वादे और मुफ्त की सुविधाएं दिल्ली के वोटर को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगी। सर्वे में महिला वोटर्स को किए गए वादे और फ्री की सुविधाओं को फैक्टर बनाते हुए तीन परिस्थियों के आकलन करने की कोशिश की गई है। ये सर्वे तीन फैक्टर पर किए गए हैं। तीन फैक्टर में से एक फैक्टर में आप की जीत का अनुमान है और एक अन्य फैक्टर में भाजपा के जीत की भी संभावना दिखाई गई है। वहीं एक अन्य तीसरे फैक्टर में आप और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार आप की सीटों की संख्या काफी कम होगी।
दिल्ली चुनाव के लिए किए गए सी-वोटर सर्वे में कहा गया है कि दिल्ली में फिर से आप की सरकार बन सकती है। ओपिनियन पोल में 51 फीसदी लोगों ने कहा है कि दिल्ली में फिर अरविंद केजरीवाल की पार्टी सत्ता में आएगी। वहीं 42 प्रतिशत लोगों का कहना है कि दिल्ली में इस बार सत्ता परिवर्तन हो सकता है भाजपा के भी आने की संभावना है। दिल्ली में सरकार बदलने की चाहत रखने वाले कांग्रेस की जगह भाजपा के पक्ष में वोट कर सकते हैं। दिल्ली में भाजपा की सीटें बढ़ सकती हैं। सर्वे में 10 से 15 फीसदी लोगों का कहना है कि दिल्ली में इस बार मामला फंस सकता है। आप या भाजपा में से कोई भी इस बार चुनाव जीत सकता है।
वहीं दलित संगठनों का राष्ट्रीय परिसंघ (NACDOR) ने दलित मतदाताओं पर केंद्रित एक और सर्वे किया। इस सर्वे में दिल्ली भर के 6,256 लोगों को शामिल किया गया था। जिनमें 2,574 महिलाएं थीं। इससे पता चला कि दलित 35 सीटों पर AAP के पक्ष में हैं, उसके बाद 28 सीटों पर भाजपा और सात सीटों पर कांग्रेस का स्थान है। NACDOR सर्वे से पता चला है कि 44% दलित 5 फरवरी को आप को वोट देने की योजना बना रहे हैं, जबकि भाजपा को 32% और कांग्रेस 21% लोग वोट देंगे। ऐतिहासिक रूप से दलितों का झुकाव भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के बजाय भारत ब्लॉक की ओर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर, आप और कांग्रेस दोनों इस ब्लॉक से संबंधित हैं, लेकिन राज्य चुनाव अलग-अलग लड़ते हैं।
इसके अलावा फलोदी सट्टा बाजार ने शुरू में दिल्ली की 70 विधानसभा में 36 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए AAP की जीत की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, हाल ही में उन्होंने कहा है कि आप के समर्थन में मामूली बढ़ोतरी हुई हो सकती है और 39 से 41 सीटों के बीच अनुमान है। भाजपा को 29 से 31 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो बहुमत के आंकड़े से पांच से छह सीटें कम है। इस समय फलोदी सट्टा बाजार द्वारा कांग्रेस के लिए कोई भविष्यवाणी नहीं की गई है।