चिकित्सा विज्ञानियों का मानना है कि तौलिया, गमछा या रूमाल से मुंह और नाक को ढंकने के बाद कोविड-19 के संक्रमण से बचा जा सकता है। बशर्ते तौलिया, गमछा या रूमाल साफ रहे। प्रधानमंत्री किसान, गांव के निवासी की तरह यही संदेश देने के लिए मुंह पर गमछानुमा रूमाल बांधकर वीडियो कांफ्रेसिंग में स्क्रीन पर आए थे।
मास्क में थे सभी मुख्यमंत्री
शनिवार को हुई वीडियो कांफ्रेसिंग में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा हों या अन्य कई के चेहरे पर या तो मास्क लगा था या फिर गले में लटका था। लेकिन प्रधानमंत्री आम भारतवासी की तरह गमछे का संदेश देना चाहते थे ताकि भारतीय मॉडल को अपनाकर, बेवजह खर्च से बचकर, कोविड-19 का मुकाबला किया जा सके।
छोटा साबुन, तौलिया, रुमाल लोग अपने साथ रखें
उत्तरी दिल्ली मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर राम का भी कहना है कि लोगों को कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। वह खेती, खालिहानी के लिए बाहर निकल रहे हैं तो साथ में छोटा साबुन, तौलिया, गमछा या रुमाल और एक बोतल पानी लेकर निकलें। तौलिया या गमछे से नाक, मुंह ढंके। कुछ समय बाद सहूलियत देखकर अपना हाथ साबुन से धोएं। दिन में कई बार धोएं। कुछ भी खाने से पहले धोएं।
हाथ को नाक या मुंह पर ले जाने से पहले धोएं। जहां तक हो सके ले जाने से बचें। कम से कम दो मीटर की सामाजिक दूरी बना कर रखें। यदि साबुन न भी मिले तो मिट्टी, राख या बालू से अच्छी तरह से मलकर हाथ धोएं। इतनी सी सावधानी भी हमें कोविड-19 के संक्रमण से बचा सकती है।