बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कोरोना महामारी से निपटने में सहयोग के लिए सांसद निधि लेने के तौर तरीकों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि इसका फैसला सामूहिक से होना चाहिए।
बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली ने एक निजी टेलीविजन चैनल पर कहा कि सांसद निधि लेने से कोई एतराज नहीं है लेकिन इसका फैसला विपक्षी दलों की बैठक में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ बैठक करने वाले हैं। इसी बैठक में यह फैसला किया जा सकता था।
अली ने कहा कि कोरोना महामारी में सरकार सभी के योगदान का आह्वान करती हैं लेकिन सांसद निधि लेने का तौर तरीका उसकी नीयत पर सवाल उठाता है। इससे ऐसा लगता है की सरकार ‘क्रेडिट’ लेने की जल्दबाजी कर रही है। इस फैसले से सरकार और एक ही पार्टी काम करती दिखती है।
बसपा सांसद ने कहा कि सरकार बुधवार को सर्वदलीय बैठक के बाद वेतन कटौती और सांसदनिधि के निलंबन पर अध्यादेश पारित कर सकती थी। उन्होंने कहा कि सांसद निधि का इस्तेमाल जिला स्तर पर स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए किया जाना चाहिए। अमरोहा जैसे पिछड़े जिलों पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है, जहां के अस्पतालों में आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
अली ने पहले ही 2019 की सांसद निधि से 50 लाख़ रूपये की राशि अपने लोकसभा क्षेत्र अमरोहा में कोरोना महामारी से निपटने के लिए वेंटिलेटर तथा आईसीयू जैसी स्वास्थय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृत कर दी है इसके अलावा अपना एक महीने का वेतन पीएम-केयर्स फंड को दान दिया है।