महिला सुरक्षा, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और महिलाओं की बेरोजगारी पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि वह महिला सशक्तीकरण के नाम पर दिखावा कर रही है।
कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार को निशाना बनाया। एक ट्वीट में उसने लिखा है “महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के दिखावटी प्रेम और पाखंड को बहादुर पर्यावरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कान्गुजम ने उजागर कर दिया है। प्रधानमंत्री का (एक दिन के लिए उनके सोशल मीडिया पेज के संचालन का) प्रस्ताव ठुकराने के बाद उसने कहा है कि किसी ट्विटर अभियान से ज्यादा जरूरी है कि उसकी बात सुनी जाये।”
इस ट्वीट के साथ ही पार्टी ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर का लिंक साझा किया है जिसमें कहा गया है कि मणिपुर की आठ साल की बच्ची लिसिप्रिया ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट के संचालन का प्रधानमंत्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह मिथक फैलाया जा रहा है कि भाजपा महिला सशक्तीकरण के लिए सक्रिय रूप से काम करने वाली पार्टी है। सच्चाई यह है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की तुलना में मामूली वृद्धि हुई है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” केवल वोट हथियाने का नारा था, लेकिन जब इसे लागू करने की बात आई तो भाजपा बुरी तरह विफल रही। सरकार ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का 56 प्रतिशत हिस्सा प्रचार पर खर्च किया है।
उसने पूछा कि केवल दो साल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित भाजपा सरकार के शीर्ष अधिकारी, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री महिलाओं की सुरक्षा के विषय में पूरी तरह मूकदर्शक क्यों बने रहे।
कांग्रेस ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सूची में शीर्ष पर भाजपा शासित उत्तर प्रदेश का होना भाजपा शासन की वास्तविकता है। अधिकांश निर्भया फंड का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है। राज्यों द्वारा अब तक इस कोष का केवल आठ फीसदी धन खर्च किया गया है। ऐसे में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भाजपा हमारे देश में महिलाओं को सुरक्षित रखने में नाकाम रही है।