ओबीसी क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ा सकती है सरकार, राजनाथ के नेतृत्व में समिति गठित

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के बीच क्रीमी लेयर को परिभाषित करने और निर्धारित आठ लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा को संशोधित करने का काम सौंपा गया है। इसके अन्य सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन शामिल हैं। वर्तमान में ओबीसी श्रेणी में उन लोगों को आरक्षण दिया जाता हैं जिनकी वार्षिक आय आठ लाख से ज्यादा नहीं है। ओबीसी वर्ग में आठ लाख या उससे अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को ‘क्रीमीलेयर’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है और वह आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकता है। 

इन आय मापदंडों की समीक्षा आमतौर पर हर तीन साल में की जाती है। 2013 में, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा सकल वार्षिक आय मापदंड 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये किया गया था और 2017 में भाजपा  सरकार ने इसे बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों का समूह इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या ओबीसी के लिए क्रीमीलेयर का वर्गीकरण ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के आय के मापदंड के अनुसार अलग-अलग होना चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब इस प्रकार का प्रस्ताव लाया गया है। 

2011 में भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी यह प्रस्ताव दिया था कि क्रीमीलेयर के लिए आय का मापदंड अलग होना चाहिए क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में सकल आय कम होती है। आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नौ लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 12 लाख रुपये की आय सीमा रखने का सुझाव दिया। हालांकि, इसको स्वीकार नहीं किया गया था।

सरकार का यह कदम बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले आ रहा है, जहां अनुमानित 41 फीसदी आबादी ओबीसी है। बिहार में भाजपा जनता दल यूनाइटेड और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी पर निर्भर है वहीं उसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मुस्लिम-यादव वोट बैंक पर चुनाव लड़ेगा।

क्या है क्रीमीलेयर?
क्रीमीलेयर’ शब्द अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अपेक्षाकृत अमीर और बेहतर शिक्षित लोगों को दर्शाता है, जो सरकार प्रायोजित शैक्षिक और पेशेवर संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते हैं। वर्तमान नियमों के मुताबिक, ओबीसी वर्ग क्रीमीलेयर में उन लोगों को शामिल किया जाता है, जिनकी सालाना पारिवारिक आमदनी आठ लाख रुपये तक है।