भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। नड्डा ने शनिवार को यहां कहा कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मनमोहन सिंह भी पड़ोसी देशों में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के पक्ष में थे।
भाजपा मुख्यालय में पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों के एक समूह को संबोधित करते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल यह गलत सूचना फैला रहे हैं कि इस कानून के बनने से भारत में करोड़ों शरणार्थी आ जाएंगे, जिन्हें संभालना मुश्किल होगा।
नड्डा ने कहा कि यह कानून उन लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ चुके हैं। लोगों को यह गलत जानकारी दी जा रही है कि सीएए के लागू होने से उनकी नागरिकता खत्म हो जाएगी। जबकि, यह कानून नागरिकता देता है, छीनता नहीं।
नड्डा ने कहा कि विपक्षी दल वोट बैंक की राजनीति में सीएए को लेकर गलत जानकारी फैला रहे हैं। सच्चाई यह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर हाल नेहरू ने भी पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों की मदद करने के विचार का समर्थन किया था। मनमोहन सिंह ने भी 2003 में राज्यसभा में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से बांग्लादेश से आए धार्मिक उत्पीड़न के शिकार शरणार्थियों के लिए कुछ करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘अब जब मोदी जी ने यह कर दिया है तो विपक्ष इस राजनीति कर रहा है।’