खचाखच भरे मोरहाबादी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में 11वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने शपथ ली. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. हेमंत के साथ ही कांग्रेस के आलमगीर आलम एवं डॉ. रामेश्वर उरांव तथा राजद कोटे के सत्यानंद भोक्ता को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गई.
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह को भाजपा विरोधी दलों के नेताओं के धुव्रीकरण के रूप में देखा गया. देश के कई दिग्गज कई दिग्गज विपक्षी नेता इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने. शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकजुटता की तस्वीर नजर आयी. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के अलावा तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, देश के वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव, डीएमके प्रमुख स्टालिन, सांसद कनिमोझी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, वरिष्ठ राजद नेता अब्दुल बारी सिद्धकी, जयप्रकाश नारायण यादव,शिवानंद तिवारी, झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह सह प्रभारी और मध्य प्रदेश के मंत्री उमंग सिंघार झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद विजय हांसदा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य अतुल अंजान, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह समेत विपक्षी दलों के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे.
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद कार्यकर्त्ताओं में खासा उत्साह दिखा. समारोह में हिस्सा लेने के लिए इन तीनों दलों के कार्यकर्त्ता राज्य के सभी जिलों से पहुंचे थे, वहीं मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नेताओं के समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया और वे शपथ ग्रहण के दौरान अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आये, जिसके कारण राज्यपाल को भी टोकाटोकी करना पड़ा.