लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को भेदभावपूर्ण बताते हुये सोमवार को सरकार से कहा कि वह हिंदुस्तान को तोडऩे का नहीं जोडऩे का काम करे।
चौधरी ने सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि उनकी पार्टी किसी पीड़ति को शरण देने के सरकार के विचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि उसका विरोध इस बात पर है कि इसके लिए धर्म को आधार बनाया गया है।
उन्होंने कहा ‘यह भेदभावपूर्ण अलग कानून बनाया जा रहा है और हमारा विरोध इस बात पर है। सिर्फ तीन देशों के छह संप्रदायों को ही इसमें क्यों रखा गया है। बहुत मेहनत के बाद यह ङ्क्षहदुस्तान बना है, इसे तोडऩे का नहीं जोडऩे का काम करो।’
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने के लिए कानून बनाने की बजाय यदि सरकार जरूरत महसूस करती है तो वह शरणार्थी कानून ला सकती है। चौधरी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक सीमा का नाम नहीं है। यह देश सिर्फ एक राष्ट्र नहीं एक सभ्यता भी है जिसने सदियों तक ‘जीओ और जीने दो’ के सिद्धांत की सीख दी है।