महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में खटास बढ़ती ही जा रही है। शिवसेना ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार किया। जब शिवसेना को संसद में विपक्ष की सीट दी गई तो अब सामना के जरिए पार्टी ने भाजपा पर हमला बोला है और पूछा है ‘हमें एनडीए से निकालने वाले तुम कौन?’
सामना के संपादकीय में लिखा है कि दिल्ली के भाजपा नेताओं ने किस आधार पर और किसकी अनुमति से यह घोषणा की? ‘यात्रा में जल्दबाजी दुर्घटना को निमंत्रण देती है’ इस प्रकार की जल्दबाजी इन लोगों के लिए ठीक नहीं है।
लेख में लिखा गया है कि जिसने ये घोषणा की है उसे शिवसेना का मर्म और एनडीए का कर्म-धर्म नहीं पता है। तुम सभी के जन्म पर शिवसेना ने नाश्ता किया है। जब बीजेपी के साथ कोई खड़ा नहीं होना चाहता था, तब जनसंघ के दीये में शिवसेना ने तेल डाला है।
इस लेख में लिखा गया है कि आज ‘एनडीए’ का प्रमुख या निमंत्रक कौन है इसका उत्तर मिलेगा क्या? शिवसेना को बाहर निकालने का निर्णय किस बैठक में और किस आधार पर किया। ये सारा मामला इतनी हद तक क्यों गया? इस पर ‘एनडीए’ के सहयोगी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा के बाद निर्णय हुआ है क्या?
शिवसेना ने हमला बोलते हुए कहा कि छत्रपति के महाराष्ट्र से लिया गया पंगा तुम्हारा तंबू उखाड़े बिना नहीं रहेगा। बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में राष्ट्रद्रोही और पाकिस्तानियों के गीत गानेवाली महबूबा मुफ्ती के साथ सत्ता के लिए निकाह करने वाली भाजपा ने ‘एनडीए’ की अनुमति ली थी क्या?
शिवसेना ने पूछा कि पाकिस्तान समर्थकों को ‘एनडीए’ की बैठक में सम्मान देकर कुर्सी देते समय अनुमति ली थी क्या? नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले और मोदी पर कठोर टिप्पणी करने वाले नीतीश कुमार की कमर पर फिर से ‘एनडीए’ की लंगोट पहनाते समय तुमने हमसे अनुमति ली थी क्या।