केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के खिलाफ दर्ज मामला सिर्फ अटकलबाजी पर आधारित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर पुनर्विचार याचिका में सीबीआई ने कहा कि यह तीन मुख्य सबूतों पर आधारित है। पहला गवाहों द्वारा महत्वपूर्ण खुलासे, दूसरा इंद्राणी मुखर्जी का बयान और तीसरा दस्तावेजी सबूत है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, “हम एक छिपे हुए ट्रेल की जांच कर रहे हैं, जिसमें दर्जनों देशों में मौजूद कई बैंक खातों में पैसे जमा किए गए। हमारा मामला स्पष्ट और असंदिग्ध प्रमाणों व सबूतों पर अधारित है, जिसे सीआरपीसी की धारा 161 और 164 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। गवाहों ने ऑन रिकार्ड बयान दिया है कि चिदंबरम ने अदालत में गवाही नहीं देने के लिए उनपर दबाव डाला।”
सीबीआई ने शुक्रवार को अपनी पुनर्विचार याचिका में शीर्ष अदालत में उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को जमानत देने के आदेश को चुनौती दी।
सीबीआई ने कहा कि जांच से पता चला है कि कार्ति पी. चिदंबरम ने अपने स्वामित्व वाली कंपनी एएससीपीएल(एडवांटेज स्ट्रेटजिक) के जरिए छह अन्य कंपनियों से कमीशन के रूप में पैसे प्राप्त किए, जिन्हें एफआईपीबी मंजूरी दी गई थी।
–आईएएनएस